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तवांग रेल नेटवर्क पर संयम बरते भारत: चीन

तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा की प्रस्तावित तवांग यात्रा पर आपत्ति जता चुके चीन ने एक बार फिर भारत को घेरने का प्रयास किया है. चीन ने तवांग को रेल लाइन से जोड़ने की भारत की योजना पर संयम बरतने को कहा है. चीन का कहना है कि भारत की एकतरफा कार्रवाई सीमा के अनसुलझे मुद्दे को और पेचीदा बन सकती है.

चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘चीन और भारत के बीच विश्वास बहाली के लिए एक अच्छी स्थिति बनाने और सीमा मुद्दे के उपयुक्त हल को प्रोत्साहन देने के लिए हम आशा करते हैं कि भारत सावधानी बरतेगा, संयम दिखाएगा और एकपक्षीय कार्रवाइयों से बचेगा, जो मुद्दे को और जटिल कर सकते हैं.’ मंत्रालय ने पीटीआई को एक सवाल के जवाब में लिखित जवाब में कहा कि चीन-भारत सीमा के पूर्वी हिस्से पर बीजिंग का रुख एक जैसा और स्पष्ट है. फिल्हाल, दोनों देश वार्ता और परामर्श के जरिए क्षेत्र के विवाद का हल करने की दिशा पर काम कर रहे हैं. मंत्रालय से इन खबरों के बारे में पूछा गया था कि भारत तवांग को रेल नेटवर्क से जोड़ने की संभावनाएं तलाश रहा है.

गौरतलब है कि हाल के दिनों में चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा दोहराया था जिसे वह दक्षिण तिब्बत कहता है. यहां तक कि उसने भारत को यह चेतावनी भी दी है कि यदि नई दिल्ली ने तिब्बत के निर्वासित आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को अगले हफ्ते राज्य की यात्रा करने की इजाजत दी तो इससे गंभीर नुकसान पहुंचेगा.

भारत के लिए सामरिक महत्व रखता है तवांग

 मंत्रालय ने दलाई लामा की यात्रा के बारे में शुक्रवार को नई दिल्ली को आगाह किया था. संभावित रेल नेटवर्क और दलाई लामा की तवांग की यात्रा पर चीन की आई प्रतिक्रिया हाल के हफ्तों में तीसरी बार आई है जब उसके विदेश मंत्रालय ने अपनी आपत्ति जताई है. तवांग अपनी स्थिति को लेकर भारत के लिए अत्यधिक सामरिक महत्व रखता है. भारत अपने रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाते हुए तवांग को रेल नेटवर्क से जोड़ने की व्यवहार्यता का पता लगा रहा है. सरकार ने रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू से इस दूर दराज के इलाके में रेल नेटवर्क की व्यवहार्यता का पता लगाने को कहा है. रिजिजू अरुणाचल पश्चिम सीट से सांसद हैं.

दोनों मंत्री तवांग को भालुकपोंग से जोड़ने की व्यवहार्यता का अध्ययन के लिए राज्य का दौरा करेंगे.

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