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राष्ट्रपति पार्क पर दर्ज मुकदमे की सुनवाई शुरु, दक्षिण कोरिया की सत्ता से हटाई गई

दक्षिण कोरिया की पूर्व राष्ट्रपति पार्क गुन-हे ने आज अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई शुरू होने पर कहा कि वह रिश्वतखोरी और सरकारी गोपनीय बातों को लीक करने में संलिप्त नहीं थीं। इस ममले में दोषी पाए जाने पर पार्क उम्रकैद पाने वाली दक्षिण कोरिया की पहली महिला नेता बन सकती हैं। पुलिस जब पार्क को अदालत में लेकर आई तो उनकी आंखें झुकी हुई थीं और हाथों में हथकड़ी लगी थी। 31 मार्च को जेल भेजी गई पार्क उस दिन के बाद से पहली बार सार्वजनिक तौर पर नजर आई हैं। पार्क को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सत्ता से हटाया गया था और जेल भेज दिया गया था।

जब जज किम से-यून ने पार्क से पूछा, ‘‘तुम्हारा पेशा क्या है?’’ तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘मेरा कोई पेशा नहीं है। लंबे समय से उनकी सहयोगी रही और सहअपराधी होने की अरोपी चोई सून-सिल पार्क के पास ही बैठीं। ये दोनों चार दशक से दोस्त रही हैं लेकिन अदालत कक्ष में दोनों ने एक दूसरे से नजरें तक नहीं मिलाईं। जब चोई से उनके पते और पेशे के बारे में सवाल पूछे गए तो चोई सुबकने लगी। हालांकि जब अभियोजक आरोपों को पढ़ रहे थे, तो पार्क सीधे ही देख रही थी।

वरिष्ठ अभियोजक ली वोन-सियोक ने कहा, ‘‘आरोपी पार्क गुन-हे ने अपनी दोस्त चोई सून-सिल के साथ मिलकर चोई को सरकारी मामलों में दखल देने दिया। चोई के पास कोई आधिकारिक पद नहीं था। इन दोनों ने मिलकर सत्ता का दुरूपयोग किया और कारोबारी कंपनियों को रिश्वतें देने और निजी लाभ लेने पर विवश किया। पार्क के वकील यू यंग-हा ने किसी भी गलत काम से इनकार किया। जब पार्क से पूछा गया कि क्या वह कुछ और कहना चाहती हैं, तो उन्होंने शांत आवाज में जवाब दिया- मैं बाद में कहूंगी। जज ने भी पार्क से सीधे पूछा कि क्या वह आरोपों को नकारती हैं? पार्क ने जवाब दिया, ‘‘हां, मेरा रूख वही है, जो मेरे वकीलों का है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, चोई ने अदालत में कहा, मैं पूर्व राष्ट्रपति पार्क को अदालत में पेश होने के लिए विवश करने की अपराधी हूं। मैं इन्हें 40 साल से जानती हूं और देखती आई हूं। चोई ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करती हूं कि यह सुनवाई पूर्व राष्ट्रपति पार्क को दोषमुक्त करार देगी और उन्हें एक ऐसे राष्ट्रपति के रूप में याद रखा जाने देगी, जिन्होंने अपना जीवन अपने देश के प्रति समर्पित कर दिया। स्थानीय टीवी चैनलों ने अदालत कक्ष में दाखिल होतीं और जजों के सामने बैठती पार्क की वीडियो बार-बार प्रसारित की।

वहीं दूसरी बार पेशी से इनकार करती हैं तो कानून के तहत उनके बिना ही सुनवाई की जा सकती है। सांसदों ने पिछले माह पार्क पर महाभियोग चलाने के लिए मतदान किया था। पार्क पर आरोप है कि उन्होंने अपनी एक करीबी सहयोगी के साथ मिलकर कंपनियों से धन और अहसान लिए और अपनी सहेली को सरकारी मामलों में हेर-फेर करने दिया।

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