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‘विजय माल्या ने आईडीबीआई से लिया 900 करोड़ कर्ज…

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुसार भारत में बैंकों का पैसा लेकर भाग जाने के मामले में वांछित कारोबारी विजय माल्या ने आईडीबीआई बैंक से 900 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर उसमें से करीब 500 करोड़ रुपये से अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, स्विट्जरलैंड और आयरलैंड जैसे सात देशों संपत्तियां खरीद ली थीं। माल्या ने भारतीय स्टेट बैंक समेत 17 भारतीय बैंकों का करीब नौ हजार करोड़ रुपये उधार ले रखा है। जब मंगलवार (तीन अक्टूबर) को माल्या लंदन में दूसरी बार गिरफ्तार हुए और कुछ ही देर बाद जमानत पर रिहा हो गये तो सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी तंज कसे गये। ईडी द्वारा लंदन की अदालत में दायर याचिका के आधार पर ही माल्या को गिरफ्तार किया गया था। खबर के अनुसार ईडी ने लंदन की अदालत में जमा किए गये हलफनामे में माल्या द्वारा भारतीय बैंकों से कर्ज लेकर विदेशों में जमीन-जायदाद खरीदने का पूरा ब्योरा दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार ईडी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि विजय माल्या ने कई जाली कंपनियों और कानूनी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन की मदद से बैंक से कर्ज लिए गये पैसे को विदेशों में निवेश किया। ईडी ने कहा है कि माल्या ने जाली रसीद बनाकर और सामान की कीमत बहुत ज्यादा दिखाकर भी बैंक के कर्ज से अपनी जेब भरी। ईडी ने कहा है कि माल्या ने जाली कंपनियों के छद्म निदेशक बनाए लेकिन पैसे के लेन-देन पर अपना नियंत्रण रखा। ईडी ने ब्रिटिश अदालत को माल्या की कथित जालसाजी के तौर-तरीकों का पूरा ब्योरा दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार माल्या ने ब्रिटेन में एक शानदार बंगला खरीदने के लिए भारतीय बैंकों से लिए कर्ज का इस्तेमाल किया था। ब्रिटेन की गंभीर अपराध शाखा को मिली जानकारी के अनुसार माल्या ने किंगफिशर एयरलाइन के एचएसबीसी बैंक के खाते से लंदन स्थिति ब्रिटिश कंपनी में करीब 39 करोड़ रुपये भेजे थे। इस ब्रिटिश कंपनी के पास लंदन स्थिति आलीशान “लेडी वाक” नामक परिसंपत्ति का मालिकाना हक है। एसएफओ ने ये सारी जानकारी सीबीआई को दी है। एसएफओ के अनुसार माल्या ने किंगफिशन एयरलाइन के एक्सिस बैंक के खाते से 242 करोड़ रुपये लंदन के खाते में भेजे थे।

ईडी के अधिकारियों ने टीओआई के बताया कि ब्रिटिश अदालत ने भारतीय एजेंसी के इस हलफनामे को स्वीकार किया इसीलिए उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने बताया कि अब माल्या को भारत लेने की उसकी अर्जी पर ब्रिटिश अदालत सीबीआई की प्रत्यर्पण याचिका के साथ ही सुनवाई करेगी। सीबीआई औ ईडी के अलावा भारत की अन्य एजेंसियों मसलन आयकर विभाग और फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट (एफआईयू) भी माल्या के खिलाफ सबूत दे रहे हैं। माल्या हमेशा ही खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते रहे हैं।

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