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किसानों ने कहा- सीएम, पीएम और सरकारी बाबू तुरंत छोड़ें भत्ते और अन्य सुविधाएं

कर्जमाफी पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के जवाब पर महाराष्ट्र के किसानों ने भारी अंतोष जाहिर किया है और कहा है कि सीएम, पीएम समेत तमाम सरकारी बाबुओं को तुरंत सभी भत्ते और सुविधाएं छोड़ देनी चाहिए। नासिक में आंदोलन कर रहे किसानों ने सीएम फडणवीस के उस बयान का विरोध किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार सभी किसानों का कर्ज माफ नहीं कर सकती है। सीएम के इस बयान पर विरोध दर्ज कराने के लिए नासिक में किसान जमा हुए और कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मान लेती है तब तक वे लोग हड़ताल खत्म नहीं करेंगे।

बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए एक किसान सदाशिव सत्तावजी शिंदे पाटिल ने कहा कि उन लोगों को जब तक किसानों का दर्द समझ में नहीं आएगा जब तक कि वो हमारी तरह सुख-सुविधाओं से वंचित होकर लाइनों में खड़े नहीं होंगे। पाटिल ने कहा कि उन्होंने किसानों के समर्थन में पूरे राज्य में साइकिल से यात्रा की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए अब तक कई वेतन आयोग का गठन किया और उसके सुझावों पर उनके वेतन-भत्ते बढ़ाए मगर किसानों को उत्पादन के लिए न्यूनतम लागत देने वाली स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए उसके पास पैसे नहीं है।

बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए किसान ने कहा, “सीमा पर बड़ी संख्या में रोज जवान मारे जा रहे हैं और खेतों में किसान। कहां गया जय जवान-जय किसान?” किसानों ने आरोप लगाया कि लोकसभा और विधान सभा चुनावों से पहले बीजेपी ने बहुत बड़े-बड़े वादे किए थे और लोगों ने उन पर भरोसा कर उन्हें वोट दिया था लेकिन बीजेपी अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रही है।

एक किसान ने गुस्से में कहा कि किसान देशभर के लोगों का पेट भरता है लेकिन वो खुद भूखे पेट रहने को मजबूर है। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि आखिर कौन हमारे हितों की बात करेगा? बता दें कि राज्यभर के किसान पिछले आठ दिनों से हड़ताल पर हैं। उन लोगों ने सब्जी-फल और दूध की सप्लाई रोक दी है, इससे मुंबई समेत कई शहरों में इन सामानों की किल्लत पैदा हो गई है। आंदोलनरत किसान नासिक के तुपसाखेड़े पार्क में अगली रणनीति बनाने के लिए जमा हुए हैं।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने किसानों के लिए तीस हजार करोड़ रुपए की कर्ज माफी का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि राज्य में कृषि श्रण माफी ‘‘अब तक की सबसे बड़ी’’ माफी होगी। लेकिन किसान नेताओं ने कहा कि वे अपनी हड़ताल समाप्त नहीं कर रहे हैं। किसान इस कर्ज माफी से संतुष्ट नहीं हैं। किसानों का कहना है कि इससे उनपर काफी कम प्रभाव पड़ेगा।

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