महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने किसानों के लिए तीस हजार करोड़ रुपए की कर्ज माफी का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि राज्य में कृषि श्रण माफी ‘‘अब तक की सबसे बड़ी’’ माफी होगी। वहीं, कुछ किसान नेताओं ने कहा कि वे अपनी हड़ताल समाप्त नहीं कर रहे हैं। किसान इस कर्ज माफी से संतुष्ट नहीं हैं। किसानों का कहना है कि इससे उनपर काफी कम प्रभाव पड़ेगा। फडणवीस ने किसान नेताओं के साथ देर रात तक चली बैठक के बाद सुबह आयोजित संवाददाता सम्मेलन कहा कि सरकार सीमांत किसानों के कर्ज माफ करेगी और इससे विदर्भ तथा मराठवाड़ा में 80 प्रतिशत ऐसे किसानों को लाभ होगा।
प्रदर्शनकारी किसानों में से जब कुछ वर्गों ने आंदोलन वापस लेने से इनकार किया तो फडणवीस ने आरोप लगाया कि किसानों का इस्तेमाल कर ‘‘कुछ लोग राज्य में अराजकता उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे हैं।’’ उन्होंने विपक्षी कांग्रेस और राकांपा का नाम लिये बिना कहा, ‘‘हम अधिकतर मांगों पर सहमत हो गए हैं…कुछ लोगों का एजेंडा तय है। वे राज्य में अराजकता की स्थिति उत्पन्न करना चाहते हैं और इसलिए वे हड़ताल समाप्त नहीं करना चाहते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आत्महत्या के खतरे वाले क्षेत्रों के किसानों के लिए यह पहली कर्ज माफी होगी। राज्य में किसी भी राज्य ने किसानों को पूर्ण कर्ज माफी नहीं दी है।’ फडणवीस ने एक ट्वीट में कहा कि रिण माफी योजना की रूपरेखा तय करने के लिए सरकार ने एक समिति का गठन करने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि एक समिति का गठन किया जाएगा जिससे कि कर्ज माफी के तौर तरीकों पर निर्णय किया जा सके और इससे यह सुनिश्चित होगा कि जरूरतमंद किसान न रह जाएं जबकि गलत व्यक्तियों को लाभ मिल जाए। जैसा कि पूर्व की कर्ज माफी में हुआ। समिति में किसानों के भी प्रतिनिधि होंगे।