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रजनीकांत ने राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए ली एजेंसी की मदद

बेंगलुरु स्थित एक एजेंसी फिल्म स्टार रजनीकांत की राजनीतिक पारी की शुरुआत में मदद कर रही है। एजेंसी तमिलनाडु में मतदाताओं के अब तक के रुझान और उन्हें सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले मुद्दों का अध्ययन कर रही है। रजनीकांत ने आठ साल बाद 15 मई से 19 मई तक अपने प्रशंसकों से मुलाकात की थी। इस दौरान रजनीकांत ने संकेत दिया कि वो अपनी राजनीतिक पार्टी लॉन्च कर सकते हैं जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संग मिलकर 2019 का लोक सभा चुनाव लड़ सकती है।

बीजेपी काफी समय से सुपरस्टार रजनी पर डोरे डालती रही है। बीजेपी ने रजनीकांत को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का भी निमंत्रण दिया है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी ने रजनीकांत को नई पार्टी बनाने में मदद की भी पेशकश की है। सूत्रों के अनुसार रजनीकांत और उनके सलाहकार नया राजनीतिक दल शुरू करने के साथ ही दूसरों दलों के उन नेताओं के नाम पर भी विचार कर रहे हैं जिन्हें वो नई पार्टी में शामिल किया जा सकता है।

ऐसे ही नेताओं में तमिलनाडु के पूर्व शिक्षा मंत्री मा फोई पंडीराजन। पंडीराजन एआईएडीएमके के ओ पन्नीरसेल्वम और वीके शशिकला धड़े में बंट जाने के बाद पन्नीरसेल्वम धड़े के साथ चले गए। डीएमके नेता एस जगतरक्षन भी ऐसे नेताओं में शामिल माने जा रहे हैं जो रजनी की पार्टी में जा सकते हैं। जगतरक्षन दो बार सांसद रहे हैं और केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। रजनी के एक करीबी सूत्र ने बताया, “और भी कई नेता हैं जो हमसे जुड़ सकते हैं। इनमें चेन्नई स्थित एआईएडीएमके के बड़े नेता और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के त्यागराजन शामिल हैं।”

रजनीकांत के करीबी सूत्रों के अनुसार, “वो बीजेपी के दिल्ली स्थित नेताओं से निरंतर संपर्क में हैं। तुगलक के संपादक (आरएसएस विचारक) एस गुरुमूर्ति उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं।” रजनीकांत चाहते हैं कि उनकी पार्टी कम से कम 10 प्रतिशत वोट बैंक के साथ राजनीतिक पारी शुरू करे इसीलिए वो दूसरी पार्टी के लोकप्रिय नेताओं को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं। फिल्म स्टार कैप्टन विजयकांत ने 2005 में डीएमडीके नामक राजनीतिक पार्टी  शुरू की थी और 2006 के चुनाव में करीब आठ प्रतिश वोट हासिल किया था। 2009 के लोक सभा चुनाव में विजयकांत का वोट प्रतिशत करीब 10 प्रतिशत रहा था। हालांकि एनडीए में शामिल होने के बाद 2014 के लोक सभा चुनाव में विजयकांत का वोट प्रतिशत गिरकर पांच हो गया। रजनीकांत के एक करीबी के अनुसार सुपरस्टार को पता है कि केवल लोकप्रियता के दम पर चुनावी जीत हासिल करना आसान नहीं इसलिए वो ठोस रणनीति के साथ ही राजनीति में उतरना चाहते हैं।

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