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14 दिनों की न्यायिक हिरासत में पत्रकार विनोद वर्मा…

छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की अदालत ने पत्रकार विनोद वर्मा को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वर्मा के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी भावेश कुमार वट्टी की अदालत ने आज पत्रकार विनोद वर्मा को 13 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। रिजवी ने बताया कि आज पुलिस रिमांड की अवधि समाप्त होने पर पुलिस ने वर्मा को वट्टी की अदालत में पेश किया। जहां पुलिस ने वर्मा के लिए 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग की।

अधिवक्ता ने बताया कि बचाव पक्ष ने अदालत के समक्ष कहा है कि इस मामले में उगाही के लिए धमकी का अपराध भी पंजीबद्ध हुआ है। इस मामले में प्रार्थी को जिसने फोन किया था, उसका नाम नहीं है। वहीं, किस नंबर से प्रार्थी को फोन किया गया था, इसकी जानकारी नहीं है। उससे कहां पैसे मांगे गए और उसे कहां बुलाया गया था, इसकी भी जानकारी नहीं है। इसलिए अभी तक यह साक्ष्य नहीं है कि वर्मा ने प्रार्थी को धमकी दी थी। इसलिए रिमांड ना देते हुए उन्हें रिहा किया जाए।

छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की पुलिस ने पत्रकार विनोद वर्मा को इस महीने की 27 तारीख को उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक वर्मा से पांच सौ की संख्या में अश्लील सीडी, पेन ड्राईव, लैपटॉप, डायरी और अन्य सामान बरामद किया गया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वर्मा को रायपुर के पंडरी थाने में दर्ज प्रकाश बजाज की रिपोर्ट की तहकीकात के दौरान गिरफ्तार किया गया था। बजाज ने थाने में मामला दर्ज कराया है कि एक व्यक्ति ने उसे धमकी दी है कि उसके आका की अश्लील सीडी उसके पास है तथा उसका कहा नहीं मानने पर वह इसे सार्वजनिक कर देगा।

वर्मा की गिरफ्तारी के बाद राज्य के लोक निर्माण विभाग के मंत्री राजेश मूणत की कथित अश्लील सीडी सार्वजनिक हो गई। मूणत ने इस मामले में यहां के सिविल लाइंस थाने में भी वर्मा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। मूणत ने इस वीडियो को फर्जी बताया है। इधर, राज्य सरकार ने मंत्री के कथित अश्लील सीडी मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की है।

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