China’s largest man-made water reservoir may be closed, a waste of money is said to be a joke
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खबरों के मुताबिक दक्षिण पश्चिम चीन में एक गगनचुंबी इमारत पर बने जलप्रपात को चलाना बेहद ही मुश्किल होता जा रहा है। जो कि दुनिया का सबसे बड़ा निर्मित जलप्रपात है। आपको बता दे कि इस इमारत में ये अभी तक का दुनिया का सबसे बड़ा मानव निर्मित जल प्रपात बना तो लिया है लेकिन अब उसके लिए यह जी जंजाल बन चुका है। क्योंकि इसको शुरु करने के लिए जितना खर्चों का आंकड़ा लगा है उतने धन की व्यवस्था उनके पास नही हो पा रही है। जिसके कारण ये चीन अब मजाक का एक बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका है। और लोग उसके कामो को बिना सोचा समझा काम बता रहें हैं और चीम के इस निर्णय को मूर्खतापूर्ण बता रहें हैं।
दरअसल गुड़याग मे बना हुआ यह टावर 350 फीट ऊंचा है। जिसमें जलप्रपात बना हा है जो आगे से झुका हुआ है। अपको बता दे कि यह जलप्रपात दो साल पहले बनकर तैयार हो गया था। और उसके बाद से अब तक यह सिर्फ 6 बार चलाया गया है। जिस लीबियन इंटरनेशल बिल्डिंग पर बनाया गया यह जलप्रपात अभी भी पूरा बना नही है। लेकिन जलप्रपात वाला जूरा ढांचा आज से दे साल पहले ही बनकर तैयार हो चुका था। इमारत कोबना रही लुडी इंडस्ट्री ग्रुप का कहना है कि इस टैंक का निर्माण झरने के पानी को एकत्रित करने व बड़े भूमिगत टैंकों के निर्माण के लिए किया गया है। वही कंपनी का मानना यह था कि जल प्रपात क्षेत्र की शुष्क व जलवायु का शीतलता देगा।
गौरतलब है कि कुल मिलाकर 6 बार चलाए गए उस प्रपात के लिए 121 संजिला ऊंची इमारत पर पानी पहुंचाने का एक घंटे का खर्च लगभग 120 डॉलर (आठ हजार रुपये) है। अब मामला यह फस रहा है कि इसमें लगातार जल का प्रवाह रखने के लिए मालिकान को धन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं टॉवर का मालिक इसके प्रति घंटे के खर्च से परेशान हो गया है। दरअसल इस ढंचे में प्रति घंटे जल ऊपर पहुंचाने में 800 युआन लगता है जिसका खर्च 120 अमेरिकी डॉलर के बराबर आता है। इतना ही नही इस इमारत में शॉपिंग मॉल, कार्यालय और लग्जरी होटल बनाने की भी योजना है। वहीं चीन के लोग इस परियोजना को पैसे की बर्बादी कहकर मजाक उड़ाने में पीछे नही हट रहें हैं।