Nitish orders order in CBI probe in Muzaffarpur sexual assault case
मुजफ्फरपुर यौन शोषण मामले में राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना की सीबीआइ जांच का आदेश दे दिया है। विपक्ष ने सीबीआइ जांच की मांग की थी। पिछले दिनों टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की कोशिश टीम ने ‘समाज कल्याण विभाग’ द्वारा संचालित संस्थाओं की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर में चल रहे बालिक गृह के कार्यकलाप पर गंभीर सवाल उठाए थे. रिपोर्ट में ऑडिट टीम ने दावा किया था कि बालिक गृह में रहने वाली कई लड़कियों ने यौन उत्पीड़न का खुलासा किया है. जिसके बाद बच्चियों की मेडिकल जांच में उनके शरीर के कई हिस्सों पर जलने और कटने के निशान भी मिले. ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक बच्चियों का रोज यौन शोषण होता था.
वहीं यौन शोषण से पहले बच्चियों को नशे की दवाइयां दी जाती थीं. इस मामले में अब तक बालिका गृह चलाने वाले एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति के संचालकों पर पॉक्सो और यौन उत्पीड़न की धाराओं में केस दर्ज कराया गया है. वहीं सेवा संकल्प एवं विकास समिति के संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपी जेल में हैं जबकि एक फरार है. इनमें आठ महिलाएं भी है. बालिका गृह यौन शोषण मामले में कई बड़े सफेदपोश और रसूखदार पुलिस की राडार पर हैं. घटनाक्रम को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को सीबीआइ जांच का आदेश दे दिया। नीतीश कुमार ने गृह विभाग और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सीबीआइ जांच के लिए औपचारिकताएं जल्दी पूरी कर लें।