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पीड़ितों की आंखों में आज भी छलक रहा है दर्द, जानिए दर्द भरी दास्तां…

दिल्ली: होटल ताज के बाहर चाय बेचने वाला मोहम्मद तौफीक रोजमर्रा की तरह चाय बनाने में मशगूल था. लेकिन जैसे से तौफीक से आज से ठीक 9 साल पहले की घटना के बारे में जिक्र किया तो उसके चेहरा सुर्ख हो गया. चेहरे पर ऐसे भाव तैरने लगे जैसे उसके सामने अभी भी गोलियां चल रही हैं और चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई है. तौफीक बताता है, ‘जब भी मैं उस पल के बारे में सोचता हूं मैं परेशान हो जाता हूं मैंने कई घायल लोगों को बचाया. वह स्थिति वाकई विनाशकारी थी. मैं सिर्फ उस दिन का इंतजार कर रहा हूं, जब पाकिस्तान में बैठा इस हमले का असली मास्टरमाइंड पकड़ा जाएगा.’

इस हमले के बाद मुंबई की सड़कों पर जो मंजर पसरा था उसे देखकर लोगों की रूह तक कांप उठी. चारों तरफ खून बिसरा पड़ा था. गोलियों से छलनी लोगों के शव यहां-तहां पड़े हुए थे. कोई तड़प रहा था कोई असहाय आंखों से मदद की आस ताक रहा था. लोगों की सामान इधर-उधर बिखरा पड़ा था. जिन लोगों ने यह मंजर अपनी आंखों से देखा या फिर जिन्होंने अपनों को इस हमले में खोया, उनकी आंखों में वह दर्द आज भी दिखाई देता है.

हमारी मुलाकात देविका से भी हुई जिसे इस हमले में गोली लगी थी. उस समय वह महज 9 साल की थी. देविका कहती है, ‘जब मैंने कोर्ट में अजमल कसाब को देखा तो मन में आया कि काश मेरे हाथ में बंदूक होती तो मैं खुद ही उसे गोली मार देती. लेकिन कसाब तो महज एक मच्छर था, असली गुनाहगार तो जीवित हैं. उम्मीद है कि एक दिन उन्हें भी सलाखों के पीछे लाया जाएगा.’ देविका के पिता कहते हैं, ‘मुझे खुशी है कि कसाब को फांसी पर लटका दिया. लेकिन दिल को शांति तब मिलेगी जब हाफिज सईद जैसे आतंकी भी जेल के पीछे होंगे.’

रहिम अंसारी ने इस हमले में अपने 6 रिश्तेदारों को खोया था. अंसारी कहते हैं, ‘इस घटना के बाद मैं डिप्रेशन में चला गया था. मेरे रिश्तेदारों के पास बचने का कोई रास्ता नहीं था, लेकिन मैं इस बात से खुश हूं कि आतंकियों को मार दिया गया. मगर असल गुनाहगार अभी भी जीवित हैं. सुकून तब मिलेगा जब उन्हें भी सजा मिलेगी.’

बता दें कि आज से ठीक 9 साल पहले मुंबई में पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते आए 10 आतंकवादियों ने अचानक हमला कर दिया था. 60 घंटे की लगातार फायरिंग में 166 लोगों की जान गई थी. इसमें कई बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं. आतंकियों ने पूरे मुंबई में फैलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ताज होटल, गेटवे ऑफ इंडिया, कैफे लियोपोल्ड, कामा अस्पताल और सेंट जेवियर्स कॉलेज पर हमला किया था.

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