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यूपी में मंत्रियों और नेताओं की आपसी कलह न आए सामने इसलिए आरएसएस ने रखा यह प्रस्ताव

यूपी में योगी आदित्य नाथ सरकार और पार्टी संगठन के बीच और बेहतर तालमेल बनाने के लिए आरएसएस एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मोर्य के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद से कार्यकर्ताअों और पार्टी संगठन के साथ बेहतर तालमेल बनाने में दिक्कतें आ रही हैं। आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा कि जब तक पार्टी संगठन और योगी सरकार बेहतर समन्वय के साथ काम नहीं करेंगे, तब तक योगी सरकार का अच्छा काम आम आदमी तक नहीं पहुंच पाएगा। इससे गुड गवर्नेंस का उद्देश्य भी बेकार हो जाएगा। समन्वय समिति की स्थापना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मंत्रियों के आपसी मामले जनता में न आयें। समिति के साथ मिलकर ही उनका हल निकाला जा सके।

एशियन एज के मुताबिक, आरएसएस विशेष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच बढ़ती दूरी की रिपोर्ट से चिंतित हैं। अभी तक ऐसे तीन मामले जनता के बीच आए हैं जहां दोनों नेताओं में मतभेद हैं। हाल ही में मौर्य ने संवाददाताओं से कहा था कि राज्य सरकार सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यक कोटा खत्म करने की तैयारी कर रही है। यह खबर थोड़ी देर में ही वायरल हो गई। इसके कुछ घंटे बाद ही सीएम ने कथित तौर पर सामाजिक कल्याण विभाग के प्रमुख वरिष्ठ मंत्री रामपति शास्त्री से इस रिपोर्ट से इनकार करने को कहा था। रामपति शास्त्री कहा था कि सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यकों को कोटे से वंचित रखने की कोई योजना नहीं है। हालांकि मुख्यमंत्री ने इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।

इससे पहले एक बैठक के दौरान मौर्य ने सुझाव दिया था कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की स्कूल यूनिफॉर्म का रंग भगवा होना चाहिए। मौर्य के इस आइडिया को मुख्यमंत्री ने तुरंत खारिज कर दिया था। इससे पहले एक बार सीएम ने मौर्य को सार्वजनिक रूप से डांटा था। जब मौर्य ने यह सोचकर सीएम दफ्तर के बाहर अपने नाम की नेम प्लेट लगवा दी कि सीएम तो अब नए लोक भवन में बैठेगे। इसके बाद सीएम ने मौर्य से रूखे अंदाज में उनसे नेम प्लेट हटाने के लिए कहा था जिसके बाद उन्होंने नेम प्लेट हटा ली थी। आरएसएस के पदाधिकारी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि ऐसे मामले जनता के बीच आएं। इससे सरकार की छवि खराब होती है।

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