लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ की हवा दिल्ली से ज्यादा जहरीली हो गई है। 12 नवंबर को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी किए गए एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। AQI बुलेटिन में आगरा में प्रदूषण का लवेल 450, लखनऊ में 424, कानपुर में 405 और दिल्ली 403 माइक्रोग्राम दर्ज हुआ है। गजियाबाद प्रदूषण के मामले में देश में पहले, रोहतक दूसरे और आगरा तीसरे नंबर पर रिकॉर्ड किया गया है। वहीं, लखनऊ सातवें, कानपुर आठवें और दिल्ली नौवें नंबर पर है। प्रदूषण से हो सकती है ये बीमारियां….
– केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉक्टर प्रो. संतोष कुमार के मुताबिक, फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुंए में सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन जैसी कई हानिकारक गैसे और लेड पाई जाती हैं।
– अगर कोई व्यक्ति डायरेक्ट या इनडायरेक्ट इन गैसों के सम्पर्क में आता है तो उसके लंग्स और स्किन दोनों पर बैड इफेक्ट पड़ सकता है। लंग्स में इन्फेक्शन होने के साथ टीबी की बीमारी और स्किन से रिलेटेड बीमारी हो सकती है। वहीं, लेड की वजह से कैंसर होने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
बरते यें सावधानी
– भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
– खांसते या छींकते टाइम नाक और मुंह पर कपड़ा रखे।
– खुले में ना थूकें।
– कोहरे में ज्यादा देर तक ना टहले।
ये है देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर
गजियाबाद – 486 माइक्रोग्राम
रोहतक – 461 माइक्रोग्राम
आगरा – 450 माइक्रोग्राम
गुडगांव -436 माइक्रोग्राम
भिवांडी -435 माइक्रोग्राम
नोएडा -429 माइक्रोग्राम
वाराणसी -429 माइक्रोग्राम
लखनऊ -424 माइक्रोग्राम
कानपुर -405 माइक्रोग्राम
दिल्ली -403 माइक्रोग्राम
क्या कहना है मौसम विभाग का ?
– मौसम विभाग के डॉयरेक्टर जेपी गुप्ता ने बताया- “अगले कुछ दिनों तक मौसम ऐसे ही बना रहेगा। स्मोग दो तीन के अंदर बिलकुल खत्म जाएगा। अभी कोहरा और स्मॉग का मिलाजुला असर दिखने को मिल रहा है। रेन फॉल होने की अभी कोई संभावना नहीं है इसके साथ ही लोगों को अभी घबराने की भी जरुरत नहीं है।”
ये है प्रदूषण की वजह
– यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के इन्वायरमेंटल ऑफिसर अशोक तिवारी के मुताबिक, पंजाब में किसान फसलों की कटाई के बाद खेत साफ करने के लिए बड़ी मात्रा में पराली( फसल का अवशेष) जला रहे है। इसके कारण पंजाब से उठने वाली हवा नोएडा में प्रदूषण फैलाने का काम कर रही है।
– वहीं, लखनऊ में बढ़ती वाहनों की संख्या उससे उठने वाला धुंआ, तेजी से हो रहा कंस्ट्रक्टशन और वर्कशॉप प्रदूषण की वजह बना हुआ है। कानपुर से ज्यादा प्रदूषण लखनऊ में होने की वजह यहां हो रहा कंस्ट्रक्टशन, बढ़ती गाड़ियों की संख्या और उससे निकलने वाला धुंआ है।
कैसे कंट्रोल हो सकता है पॉल्यूशन ?
– कारखानों को शहरी क्षेत्र से दूर किया जाना चाहिए। फैक्ट्री में नयी तकनीक का इस्तेमाल हो जिससे धुएं का ज्यादातर भाग अवशोषित हो जाएं।
– तेजी से शहरीकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए गांवों और कस्बों में ही रोजगार के साधन या कुटीर उद्य़ोग लगाने को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
– पेड़ों की अंधा-धुंध कटाई रोकी जानी चाहिए। आम लोगों, जिला प्रशासन और समाजसेवी संगठनों को नियमित रूप से वृक्षारोपण कराना चाहिए।