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लखनऊ में प्रदूषण का स्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों की अपेक्षा अधिक…

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ की हवा दिन प्रतिदिन जहरीली होती जा रही है। 8 नवम्बर को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी किए गए एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। AQI बुलेटिन में लखनऊ में प्रदूषण का लवेल 430 माइक्रोग्राम और वाराणसी में 318 माइक्रोग्राम दर्ज हुआ है। लोगों को सावधानी बरतने के जरुरत

-लखनऊ में प्रदूषण का स्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों की अपेक्षा काफी अधिक है। प्रदूषण के मामले में देश की राजधानी दिल्ली सबसे पहले, यूपी की राजधानी लखनऊ सातवें और वाराणसी देश में 13 वें नम्बर पर है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने चिंता जताते हुए कहा है कि लोगों को प्रदूषण से सावधानी बरतनी चाहिए।

-सेंट्रल पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक़ प्रदूषण के मामले यूपी का नोएडा शहर प्रदेश में पहले और राजधानी लखनऊ तीसरे नम्बर पर है।

ये है प्रदूषण की वजह

-लखनऊ में प्रदूषण की प्रमुख वजह बढ़ती वाहनों की संख्या, तेजी से बढ़ रहा कंस्ट्रक्शन और वर्कशाप है। वहीं, नोएडा में नमकीन, फैन, एलईडी बल्ब सहित कई अन्य फैक्ट्रियां हैं। इन फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुंआ वहां प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह बना हुआ है।
प्रदूषण से हो सकती है ये बीमारियां

-केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉक्टर प्रो. संतोष कुमार के मुताबिक़ फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुंए में सल्फर डाई आक्साइड और नाइट्रोजन जैसी कई हानिकारक गैसे और लेड पाई जाती हैं।

-यदि कोई व्यक्ति डायरेक्ट या इनडायरेक्ट इन गैसों के सम्पर्क में आता है तो उसका लंग्स और स्किन दोनों पर इन गैसों का बैड इफेक्ट पड़ सकता है। लंग्स में इन्फेक्शन होने के साथ टीबी की बीमारी और स्किन से रिलेटेड बीमारी हो सकती है। वहीं, लेड की वजह से कैंसर होने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
बरते यें सावधानी

-भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
-खांसते या छींकते टाइम नाक और मुंह पर कपड़ा रखे।
-खुले में ना थूकें।
-कोहरे में ज्यादा देर तक ना टहले।

ये है यूपी के सात सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर

-नोएडा – 469 माइक्रोग्राम
मुरादाबाद -439 माइक्रोग्राम
-लखनऊ -430 माइक्रोग्राम
-आगरा -394 माइक्रोग्राम
-गाजियाबाद -372 माइक्रोग्राम
-मुजफ्फरपुर -364 माइक्रोग्राम
-वाराणसी -318 माइक्रोग्राम

क्या कहना है मौसम विभाग का

-मौसम विभाग के डॉयरेक्टर जेपी गुप्ता ने बताया- “अगले कुछ दिनों तक मौसम ऐसे ही ड्राई बना रहेगा, उसके बाद मौसम साफ होने की संभावना है। अभी कोहरा और स्मॉग का मिलाजुला असर दिखने को मिल रहा है। रेन फॉल होने की अभी कोई संभावना नहीं है इसके साथ ही लोगों को अभी घबराने की भी जरुरत नहीं है।”

ये है वजह
-यूपी पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के इन्व्यारमेंटल ऑफिसर अशोक कुमार तिवारी के मुताबिक़ पंजाब में किसान फसलों की कटाई के बाद खेत साफ करने के लिए बड़ी मात्रा में पराली( फसल का अवशेष) जला रहे है। इसके कारण पंजाब से उठने वाली हवा नोएडा में प्रदूषण फैलाने का काम कर रही है। वहीं, लखनऊ में बढ़ती वाहनों की संख्या उससे उठने वाला धुंआ, तेजी से हो रहा कंस्ट्रक्टशन और वर्कशॉप प्रदूषण की वजह बना हुआ है। कानपुर से ज्यादा प्रदूषण लखनऊ में होने की वजह यहां हो रहा कंस्ट्रक्टशन, बढ़ती गाड़ियों की संख्या और उससे निकलने वाला धुंआ है।
कैसे कंट्रोल हो सकता है पॉल्यूशन

-कारखानों को शहरी क्षेत्र से दूर किया जाना चाहिए। फैक्ट्री में नयी तकनीक का इस्तेमाल हो जिससे धुएं का ज्यादातर भाग अवशोषित हो जाएं।
-तेज़ी से शहरीकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए गांवों और कस्बों में ही रोजगार के साधन या कुटीर उद्य़ोग लगाने को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
-पेड़ों की अंधाधुंध कटाई रोकी जानी चाहिए। आम लोगों, जिला प्रशासन और समाजसेवी संगठनों को नियमित रूप से वृक्षारोपण कराना चाहिए।

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