लखनऊ.कौशाम्बी में एम्बुलेंस न मिलने पर डेड बॉडी को सायकिल पर रखकर ले जाने और बरेली के बिशारतगंज में एम्बुलेंस के अंदर पेशेंट को ले जाते टाइम बीच रास्ते में फ्यूल खत्म होने के बाद नवजात की डेथ होने के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। शासन ने एम्बुलेंस सेवा के संचालन के लिए नई गाइड लाइन जारी की है। बताया जा रहा है नई व्यवस्था लागू होने होने के बाद से एम्बुलेंस से लाए जाने वाले पेशेंट को पहले से ज्यादा सहूलियतें मिलेगी।
गाइडलाइन की खास बातें
– एम्बुलेंस से लाए जाने वाले पेशेंट्स को अब 24 घंटे में कम से कम तीन अधिकारी या कर्मचारी देखेंगे।
– अधिकारियों या कर्मचारियों की अधिकतम संख्या हास्पिटल के आकार पर निर्भर करेगी।
– पेशेंट को डिस्चार्ज करते टाइम प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी को पेशेंट केयर रिकॉर्ड और ड्रॉप बैंक
रिकॉर्ड पर साइन करना कम्पलसरी होगा।
– 108 और 102 एम्बुलेंस सेवा के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को अलग-अलग रजिस्टर रखने होंगे।
– एम्बुलेंस से पेशेंट को हॉस्पिटल लाने पर एक यूनिक आईडी जारी की जाएगी।
– यूनिक आईडी के जरिए पेशेंट की पहचान करना पहले से और भी ज्यादा आसान होगा।
ये है प्रमुख सचिव चिकित्सा का कहना
– प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी के मुताबिक, 108 और 102 एम्बुलेंस सेवा में गड़बड़ियों की शिकायतें मिल रही थी। इसे देखते हुए एम्बुलेंस सेवा के लिए नई गाइड लाइन जारी की गई है। एम्बुलेंस सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों को आगे से नई गाइड लाइन को फॉलो करना होगा।