Friday, April 26, 2024
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तीन हाईटेक तरीके से ग्राहकों को चूना लगाते हैं पेट्रोल पंप मालिक

SI News Today

महाराष्ट्र पुलिस पूरे देश के पेट्रोल पम्पों को ईंधन डिसपेंसर मशीन आपूर्ति करने वाली छह बड़ी कंपनियों के तकनीशियनों की जांच कर रही है। राज्य के ठाणे जिले की पुलिस के अनुसार इन कंपनियों के तकनीशियन पेट्रोल पम्प मालिकों के साथ मिलकर ग्राहकों को मीटर में दिखाए जा रहे मात्रा से कम पेट्रोल एवं डीजल देने की घटतौली में शामिल थे। पुलिस के संदेह है कि ये गिरोह महाराष्ट्र के बाहर भी काम कर रहा था। इसी साल अप्रैल में उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पम्पों पर घटतौली का ऐसा ही एक रैकेट पकड़ा गया था। यूपी एसटीएफ ने राज्य के 27 पेट्रोल पम्प मालिकों को छापा मारकर गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस ने दो आरोपियों को ठाणे के डोम्बिवली से गिरफ्तार किया था।

ठाणे के पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “प्रथम दृष्टया पेट्रोल पम्पों पर वेंडिंग मशीन लगाने वाले ये तकनीशियन इस घटतौली के रैकेट में शामिल हैं। ये तकनीशियन छह कंपनियों से जुड़े हुए हैं जिन्हें ओरिजिनल इक्विपमेंट सप्लायर्स (ओईएस) कहा जाता है। ये कंपनियां पूरे देश में वेंडिंग मशीन सप्लाई करती हैं। हम इन कंपनियों से घोटाले में शामिल तकनीशियनों को पकड़ने में मदद ले रहे हैं।” पुलिस ने 16 जून को ठाणे, भिवंडी, पुणे, कोनगांव और नासिक के 11 पेट्रोल पम्पों पर छापा मारकर वहां के मैनजरों और मालिकों को गिरफ्तार किया था।

जांच से जुड़े अधिकारी ने बताया कि घटतौली का रैकेट चलाने वाले ग्राहकों को ठगने के लिए तीन तरीकों का इस्तेमाल कर रहे थे। इस अधिकारी के अनुसार सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है, वेंडिंग मशीन के पल्सर  में एक इलेक्ट्रानिक चिप लगा दी जाती है जिससे दिखाई जा रही मात्रा से कम पेट्रोल मिलता है। पुलिस कमिश्नर सिंह के अनुसार ठाणे के एक पेट्रोल पम्प पर पांच लीटर तेल खरीदने वालों ग्राहकों को 4.8 लीटर पेट्रोल मिल रहा था।

घटतौली रैकेट वाले दूसरा तरीका ये अपनाते थे कि वो वेंडिंग मशीन के सॉफ्टवेयर में बदलाव कर देते थे जिसकी वजह से मशीन मीटर पर जितना तेल दिखाती थी उससे कम तेल ग्राहकों को मिलता था। इसके अलावा तीसरे तरीके के तौर पर घटतौली करने वाले वेंडिंग मशीन से जुड़े कीपैड में छेड़छाड़ कर देते थे। पुलिस कमिश्नर सिंह के अनुसार महाराष्ट्र के छह हजार पेट्रोल पम्पों में से करीब 90 प्रतिशत में घटतौली की आशंका है। पुलिस कमिश्नर के अनुसार ये रैकेट करीब एक साल से चल रहा था।

यूपी में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग राज्य के 16500 पेट्रोल पम्पों में से 5300 की जांच कर चुका है। यूपी के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एडिशनल कमिश्नर एके सिंह ने कहा, “हम अभी रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं और इसके पूरे होने के बाद ही कहा जा सकता है कि कितने पेट्रोल पम्प इस घपले में शामिल थे।” 27 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ स्थित सात पेट्रोल पम्पों पर छापा मारकर घटतौली पकड़ी थी। यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एक अभियुक्त राजेंद्र ने बताया था कि उसे करीब पांच-छह साल पहले दिल्ली के कुछ लोगों से संपर्क में आे के बाद चिप लगाकर कम तेल देने के तरीके के बारे में पता चला था।

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