लखनऊ: शहर में स्वाइन फ्लू का प्रकोप थम नहीं रहा है। सोमवार को चार और मरीजों में बीमारी की पुष्टि हुई है। इसमें एक डॉक्टर समेत चार लोग हैं।
सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक स्वैब जांच में चार मरीजों में एच1एन1 वायरस की पुष्टि हुई है। इसमें निरालानगर के एक चिकित्सक, एक पीजीआइ कैंपस, एक पंचम खेड़ा और एक रुचिखंड का मरीज चपेट में है। वहीं एक मरीज राजधानी के दूसरे इलाके का है। स्वाइन फ्लू का प्रकोप आशियाना क्षेत्र से शुरू हुआ था, जिसने अब धीरे-धीरे शहर के अधिकतर इलाकों को चपेट में ले लिया है। सोमवार को स्वाइन फ्लू के मरीजों को कुल आंकड़ा 51 पहुंच गया। इसमें दो की मौत हुई हैं।
बच्चों की नहीं हैं सीरप
लोहिया अस्पताल में टेमी फ्लू की 5600 के करीब टेबलेट हैं। वहीं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में साढ़े छह हजार, बलरामपुर में 1100, लोकबंधु में 200, बीआरडी में 250 के करीब टेबलेट हैं। मगर इन अस्पतालों में सीरप का संकट है। इससे संक्रमित बच्चों को संक्रमण होने पर इलाज मिलना मुश्किल है। इसके आलावा अस्पतालों में मास्क व वैक्सीन का भी संकट बना हुआ है।
अस्पतालों में जांच ठप
स्वाइन फ्लू की जांच के लिए पीड़ित का स्वैब संग्रह किया जाता है। अभी अस्पतालों में स्वैब कलेक्शन सेंटर नहीं खोले गए हैं। साथ ही इसके लिए आवश्यक वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम ‘वीटीएम’ ट्यूब का संकट बना हुआ है। बलरामपुर अस्पताल में छह, लोकबंधु में पांच, आरएलबी में छह, सिविल में पांच व लोहिया में 28 वीटीएम ट्यूब हैं। वहीं बीआरडी में वीटीएम है ही नहीं।
लार्वा मिलने पर 41 को नोटिस
नगरीय मलेरिया विभाग की टीम ने सोमवार को विभिन्न भवनों व कार्यालयों का भ्रमण किया। इस दौरान कोतवाली सआदतगंज, भारत संचार निगम कार्यालय भदेवां, राजन अग्रवाल होटल उदय गंज, रामा नर्सिग होम समेत 41 जगह मच्छर जनित कारक पाए गए, जिन्हें नोटिस जारी किया गया है।
अस्पतालों में स्वैब कलेक्शन की सुविधा शुरू की जाएगी। इससे मरीजों को जांच के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।