Saturday, May 11, 2024
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व्यभिचार कानून में भी महिला ही कमजोर पक्ष क्यों?

SI News Today

In the law of adultery, why also women are weak parties?

महिलाओं के ऊपर घरेलु हिंसा, बलात्कार, दहेज़ प्रथा एवं अन्य अपराधों के खिलाफ किए गए अपराध के लिए तमाम कानून बनाए गए हैं।इन अपराधों में केवल महिला के बयान ही काफी अहम हैं और उनकी शिकायत पर केस दर्ज हो जाता है, लेकिन एडल्टरी (व्यभिचार) कानून में महिला के बजाय पुरुष शिकायती होता है। इसमें महिला की सहमति के कोई मायने नहीं हैं, जबकि अन्य मामलो में ऐसा नहीं है। ऐसा ही एक कानून है व्यभिचार इस कानून के अनुसार धारा-497 में ऐसे प्रावधान किए गए हैं कि अपराध के खिलाफ सिर्फ महिला का पति ही केस दर्ज करवा सकता है।
इसके तहत अगर किसी शादीशुदा महिला के साथ कोई गैर पुरुष संबंध बनाता है, तो वह उसके खिलाफ केस किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए यह जरूरी है कि शिकायत शादीशुदा महिला के पति की तरफ से की जाए। अगर महिला की सहमति न हो, तो उससे संबंध बनाने वाले के खिलाफ रेप का केस दर्ज होगा, लेकिन महिला की सहमति हो तो रेप का केस नहीं बनेगा। ऐसे में महिला के पति की सहमति से व्यभिचार का केस किया जा सकता है। अगर महिला के पति को ऐसे संबंध से कोई आपत्ति नहीं है तो महिला से संबंध बनाने वाले पुरुष के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकती। महिला की शिकायत के ऐसे में कोई मायने नहीं हैं।
लेकिन शिकायत कोर्ट में ही कि जा सकती है इसके लिएव्यभिचार का केस सीधे थाने में दर्ज नहीं हो सकता। इसके लिए पीड़ित पति को संबंधित मैजिस्ट्रेट के सामने शिकायत करनी होगी और तमाम साक्ष्य पेश करने होंगे। उसकी शिकायत से संतुष्ट होने के बाद अदालत आरोपी को समन जारी कर सकती है और फिर मुकदमा चलाया जा सकता है। ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम पांच साल कैद हो सकती है। ये मामला समझौतावादी और जमानती होता है।

समानता का सवाल
इस कानून में व्यभिचार का केस सिर्फ उस शख्स के खिलाफ दर्ज हो सकता है, जिसने शादीशुदा महिला के साथ संबंध बनाए। उस महिला के खिलाफ केस दर्ज नहीं होता, जिसने ऐसे संबंध बनाने के लिए सहमति दी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कुछ साल पहले एक अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि यह संविधान के अनुच्छेद-14 की भावना के खिलाफ है। अगर किसी काम के लिए आदमी के खिलाफ केस दर्ज हो सकता है, तो फिर महिला के खिलाफ क्यों नहीं? इस अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने महिला को कमजोर पक्ष माना और कहा कि ऐसे में उनके खिलाफ केस नहीं चलाया जा सकता।

महिला को शिकायत का अधिकार नहीं
व्यभिचार मामले में उस पुरुष को शिकायत करने का अधिकार है, जिसकी पत्नी किसी और से संबंध बनाती है लेकिन उस महिला को शिकायत का कोई अधिकार नहीं है, जिसके पति ने किसी और से संबंध बनाए।

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