Friday, April 26, 2024
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कर्नाटक में मंत्री पद न मिलने से कांग्रेस विधायकों में गुस्सा!

SI News Today
Inconsistency in the Congress legislators from getting a ministerial post in Karnataka!

कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनने के बाद भी रूठने मनाने का दौर जारी है. कर्नाटक में कांग्रेस के 78 और जेडीएस के 37 विधायक हैं. कर्नाटक में जनता दल (सेकुलर)-कांग्रेस गठबंधन सरकार का बुधवार को विस्तार किया गया, जिसमें 25 विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया. इनमें दोनों सहयोगी दलों के 23 विधायकों को, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक तथा एक निर्दलीय विधायक को मंत्री बनाया गया है. मंत्री बनने वाले दोनों सहयोगी दलों के 23 विधायकों में कांग्रेस के 14 तथा जद (एस) के नौ विधायक शामिल हैं.

कांग्रेस में जिन विधायकों को मंत्री पद नहीं मिला, उनमें पार्टी के खिलाफ नाराजगी बढ़ गई है. पहले से ही इस गठबंधन में आ रही तमाम दिक्कतों के बावजूद दोनों पार्टियां इसे किसी भी तरह सफल बनाना चाहती हैं. ऐसे में कांग्रेस विधायकों की नाराजगी उसे भारी पड़ सकती है.

कांग्रेस में कई चेहरे ऐसे हैं, जो पिछली सरकार में मंत्री थे, लेकिन इस बार उन्हें मौका नहीं मिला है. इन्हीं में से एक नाम है, एचएम रेवन्ना. उनका कहना है कि वह भाजपा के साथ संपर्क में हैं. उनका इरादा भाजपा ज्वाइन करने का है. भाजपा ने भी रेवन्ना के पार्टी के संपर्क में होने की बात कही है. इसके अलावा कुछ और नाम हैं, जो कांग्रेस से नाराज हैं. इनमें विधायक एमटीबी नागराज, सतीश जारिकीहोली, के सुधाकर जैसे नाम शामिल हैं. इन्होंने केबिनेट विस्तार के बाद एक मीटिंग की और बताया कि वह नए मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद निराश हैं. हालांकि इनका नया कदम क्या होगा, ये इन्हेांने अभी साफ नहीं किया है.

अब कांग्रेस ने अंतोष दबाने का निकाला नया फॉर्मूला
ऐसे में कांग्रेस ने इस असंतोष और नाराजगी को कम करने के लिए एक नया फॉर्मूला निकाला है. इस नए फॉर्मूले के तहत राज्य मंत्रिमंडल में कांग्रेस अपने मंत्रियों को हर दो साल में बदल देगी. इसके साथ ही जो मंत्री उम्मीद के मुताबिक काम नहीं करेंगे, उन्हें छह महीने में ही मंत्री पद से हटा दिया जाएगा. इससे जो विधायक मंत्री बनने की लाइन में लगे हुए हैं, उन्हें मौका दिया जाएगा. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार कर्नाटक के कांग्रेस प्रदेशअध्क्षय जी परमेश्वर ने यही फॉर्मूला सिद्दरमैया सरकार में भी सुझाया था, लेकिन उस पर अमल नहीं किया जा सका.

कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस ने केबिनेट के लिए तीन सूत्रीय फॉर्मूला बनाया है. उन्होंने कहा, ये फाइनल और आखिरी केबिनेट नहीं है. मंत्रियों की परफॉर्मेंस कह हर छह महीने में समीक्षा की जाएगी. जो लोग उम्मीद के मुताबिक काम नहीं कर पाएंगे, उन्हें जाने के लिए कह दिया जाएगा. उन्होंने कहा, अभी केबिनेट में छह मंत्री पद खाली हैं. इस केबिनेट में मंत्रियों को दो साल के लिए जगह दी गई है.

हालांकि इसके बाद भी असंतोष पूरी तरह से दबा नहीं है, जिन लोगों को मंत्रिपद नहीं मिले हैं, उन्होंने उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर और केसी वेणुगोपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने अपनी जिम्मेदारी ढंग से नहीं निभाई.

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