Wednesday, April 17, 2024
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46वीं बार जनता से पीएम मोदी ने की ‘मन की बात’, जानिए कार्यक्रम की ख़ास बातें..

SI News Today

46th time PM Modi’s voice from the public, ‘talk about the mind’, know the special points of the program.

       

आज पीएम नरेंद्र मोदी ने 46वीं बार देश की जनता से अपने ‘मन की बात’ की है. उनका यह मासिक रेडियो कार्यक्रम ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन और नरेंद्र मोदी ऐप पर लाइव देखा और सुना गया है. रेडियो पर प्रसारित होने वाले मोदी के इस कार्यक्रम का यह 46वां संस्‍करण था. उन्होंने कवि नीरज, लोकमान्‍य तिलक और चंद्रशेखर आजाद को श्रद्धांज‍लि दी. उन्‍होंने खिलाड़ियों को भी शुभकामनाएं दीं. मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के लिए इंसान खुद जिम्‍मेदार है.

मन की बात कार्यक्रम की कुछ मुख्‍य बातें…

1. नरेंद्र मोदी ने महिला धावक हिमा दास की तारीफ की. उन्‍होंने कहा कि हिमा दास ने देश का मान बढ़ाया है. बता दें कि भारत की हिमा दास ने हाल ही में आईएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैम्पियनशिप की महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण जीत कर इतिहास रचा है.

2. मोदी ने देश के प्रिय कवि नीरज जी के देहांत पर उन्हें दरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि आशा, भरोसा, दृढसंकल्प, स्वयं पर विश्वास, नीरज जी की विशेषता रही थी. उन्‍होंने कहा कि लोकमान्‍य तिलक ने देश पर गहरी छाप छोड़ी. महापुरुष लोकमान्य तिलक ने अनेक भारतीयों के मन में अपनी गहरी छाप छोड़ी है और हम 23 जुलाई को तिलक जी की जयंती और 01 अगस्त को उनकी पुण्यतिथि पर उनका पुण्य स्मरण करते हैं.

3. पिछले दिनों वैसे ही एक प्राकृतिक आपदा की घटना ने पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया, मानव-मन को झकझोर दिया. थाईलैंड में 12 किशोर फुटबॉल खिलाड़ियों की टीम और उनके कोच घूमने के लिए गुफा में गए थे. वे गुफ़ा के अन्दर के एक छोटे से टीले पर 18 दिन तक रुके रहे.

4. अचानक भारी बारिश के कारण गुफ़ा के द्वार के पास काफी पानी जम गया. उनके बाहर निकलने का रास्ता बंद हो गया. कोई रास्ता न मिलने के कारण वे गुफ़ा के अन्दर के एक छोटे से टीले पर 18 दिन तक रुके रहे. एक तरफ वो संकट से जूझ रहे थे, तो दूसरी तरफ पूरे विश्व में मानवता एकजुट होकर के ईश्वरदत्त मानवीय गुणों को प्रकट कर रही थी. सभी ने, चाहे सरकार हो, इन बच्चों के माता-पिता हों, उनके परिवारजन हों, मीडिया हो, देश के नागरिक हों-हर किसी ने शान्ति और धैर्य का अदभुत आचरण करके दिखाया.

5. पुराने दोस्त, बचपन के दोस्त मूल्यवान होते हैं, लेकिन नये दोस्त चुनना, बनाना और बनाए रखना, यह अपने आप में एक बहुत बड़ी समझदारी का काम होता है. कुछ नया सीखें, जैसे नयी-नयी स्किल्‍स, नई-नई भाषाएं सीखें.

6. मध्यप्रदेश के एक अत्यंत गरीब परिवार से जुड़े एक छात्र आशाराम चौधरी ने जीवन की मुश्किल चुनौतियों को पार करते हुए सफलता हासिल की है. उन्होंने जोधपुर AIIMS की MBBS की परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में सफलता पाई है. मैं उनकी इस सफलता के लिए उन्हें बधाई देता हूं. अनेक छात्रों ने, जो गरीब परिवार से हैं, विपरीत परिस्थियों के बावज़ूद अपनी मेहनत और लगन से कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो हमें प्रेरणा देता है. चाहे वो दिल्ली के प्रिंस कुमार हों, जिनके पिता DTC में बस चालक हैं या फिर कोलकाता के अभय गुप्ता जिन्होंने street lights के नीचे पढ़ाई की.

7. पिछले दिनों मैंने एक न्यूज पढ़ी- ‘दो युवाओं ने किया मोदी का सपना साकार’. पढ़ा तो जाना कि आज हमारे युवा तकनीक का स्‍मार्ट और क्रिएटिव यूज करके सामान्य व्यक्ति के जीवन में बदलाव का प्रयास कर रहे हैं. मैंने Brain-Drain को Brain-Gain में बदलने की अपील की थी. रायबरेली के दो IT Professionals, योगेश साहू जी और रजनीश बाजपेयी जी ने मेरी इस चुनौती को स्वीकार करते हुए एक अभिनव प्रयास किया. दोनों ने मिलकर एक SmartGaon App तैयार किया है. ये App न केवल गांव के लोगों को पूरी दुनिया से जोड़ रहा है बल्कि अब वे कोई भी जानकारी और सूचना स्वयं खुद के मोबाइल पर ही प्राप्त कर सकते हैं.

8. पीएम मोदी ने पंढरपुर वारी का भी जिक्र किया. उन्‍होंने इस एक अद्भुत यात्रा बताया. कहा कि आषाढ़ी एकादशी जो इस बार 23 जुलाई को थी उस दिन को पंढरपुर वारी की भव्य परिणिति के रूप में भी मनाया जाता है. पंढरपुर महाराष्ट्र के सोलापुर जिले का एक पवित्र शहर है. आषाढ़ी एकादशी के लगभग 15-20 दिन पहले से ही वारकरी यानी तीर्थयात्री पालकियों के साथ पंढरपुर की यात्रा के लिए पैदल निकलते हैं.

9. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से इस वर्ष भी गणेश उत्सव को धूमधाम से मनाने और eco friendly रूप से मनाने की अपील की.

10. दिव्यांग योगेश कठुनिया ने बर्लिन में पैरा एथलेटिक्स Grand Prix में discus throw में गोल्ड मेडल जीतकर विश्‍व रिकॉर्ड बनाया, उनके साथ सुंदर सिंह गुर्जर ने भी जेवेलिन में गोल्ड मेडल जीता है. मैं आप सभी के हौसले और जज्बे को सलाम करता हूं, बधाई देता हूं.

11. PM ने पैरा एथलीट एकता की उपलब्धि को विशेष बताया क्योंकि उन्होंने अपनी चुनौती को ही अपनी कामयाबी का माध्यम बनाया. एकता के शरीर का आधा हिस्सा 2003 में एक सड़क हादसे में नाकाम हो गया पर उन्होंने हिम्मत नही हारी और खुद को मजबूत बनाते हुए ये मुकाम हासिल किया. देश को उनपर गर्व है. एकता ने भी grand prix 2018 में गोल्‍ड और ब्रोंज मेडल जीता था.

12. चंद्रशेखर आजाद की बहादुरी और स्वतंत्रता के लिए उनके जुनून ने कई युवाओं को प्रेरित किया. आजाद ने अपने जीवन को दांव पर लगा दिया, लेकिन विदेशी शासन के सामने वे कभी नहीं झुके. चंद्रशेखर आज़ाद जी वो वीर पुरुष थे जो विदेशियों की गोली से मरना नहीं चाहते थे. उनकी विशेषता थी की जियेंगे तो आजादी के लिए लड़ते-लड़ते और मरेंगे तो भी आजाद बने रहकर के मरेंगे.

13. महापुरुष लोकमान्य तिलक ने अनेक भारतीयों के मन में अपनी गहरी छाप छोड़ी है और हम 23 जुलाई को तिलक जी की जयंती और 01 अगस्त को उनकी पुण्यतिथि पर उनका पुण्य स्मरण करते हैं. तिलक जी ने देशवासियों में आत्मविश्वास जगाया और नारा दिया था, ‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे’. आज ये कहने का समय है सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम उसे लेकर रहेंगे .हर भारतीय की पहुंच सुशासन और विकास के अच्छे परिणामों तक होनी चाहिए.

14. लोकमान्य तिलक साहस और आत्मविश्वास से परिपूर्ण थे. उनमें ब्रिटिश शासकों को उनकी गलतियों का आईना दिखाने की शक्ति और बुद्धिमत्ता थी. अंग्रेज लोकमान्य तिलक से इतना अधिक डरे हुए थे कि उन्होंने 20 वर्षों में उन पर तीन बार राजद्रोह लगाने की कोशिश की.

15. जब 01 अगस्त, 1920 को लोकमान्य तिलक जी का देहांत हुआ तभी सरदार पटेल ने निर्णय कर लिया था कि वे अहमदाबाद में उनका स्मारक बनाएंगे. सरदार पटेल अहमदाबाद नगर पालिका के मेयर चुने गए और तुरंत ही उन्होंने लोकमान्य तिलक के स्मारक के लिए विक्‍टोरिया गार्डन को चुना. अंततः प्रतिमा बन कर तैयार हुई और सरदार साहब ने 28 फरवरी,1929 को इसका उद्घाटन महात्मा गांधी से कराया.

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