प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक कार्यक्रम में अदालती कार्यवाही में तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल की बात कही थी। अब हरियाणा में उनकी बातों पर अमल होता दिख रहा है। दरअसल, एक फाइनैंशल कमिश्नर की अदालत तीन भाइयों के बीच संपत्ति विवाद के एक मामले में वॉट्सऐप के जरिए समन भेजेगा। वरिष्ठ IAS अधिकारी अशोक खेमका के नेतृत्व वाली अदालत ने यह आदेश दिया है। देश में वॉट्सऐप के जरिए समन भेजे का जाने का यह पहला मामला होगा। अभीतक इलेक्ट्रॉनिक तौर पर समन ई-मेल या फैक्स से भेजे जाते थे। इस कदम से समन भेजे जाने में देरी को रोका जा सकता है।
खेमका ने रेवेन्यू लॉ से संबंधित एक विवाद में हिसार के अनुरंग शाहपुर गांव के तीन भाइयों के मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। सतबीर सिंह का अपने भाई रामदयाल और कृष्ण कुमार के साथ गांव में पारिवारिक संपत्ति में बंटवारे को लेकर विवाद है।
फाइनैंशल कमिश्नर की अदालत ने जब इस मामले में दोनों भाई से जवाब मांगा, तो रामदयाल को तो समन मिल गया लेकिन कृष्ण के काठमांडू में शिफ्ट हो जाने के कारण उसे समन नहीं मिला। स्थायीय रेवेन्यू अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उसने कृष्ण से फोन पर बात की लेकिन उसने काठमांडू का अपना पता देने से इनकार कर दिया।
खेमका ने गुरुवार को जारी अपने आदेश में कहा, ‘मौजूदा समय में किसी व्यक्ति का ई-मेल अड्रेस या मोबाइल नंबर भी पता ही है।’ कोर्ट ने आदेश दिया कि कोर्ट की सील के साथ समन की तस्वीर कृष्ण को उसके नंबर पर भेजा जाए और वॉट्सऐप पर की डिलिवरी रिपोर्ट के प्रिंटआउट को डिलिवरी प्रूफ के तौर पर माना जाएगा।