मंगलवार (18 अप्रैल) को पार्टी से निकाले गए कांग्रेसी विकास श्रीवास्तव ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा था कि “कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बदल चुकी है।” श्रीवास्तव ने लिखा था कि कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक व्यवस्था से भटक रही है। लेकिन कांग्रेस ने उनकी इस हरकत को अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। श्रीवास्तव यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता थे। कांग्रेस ने एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह की सदस्यता “अनुशासनहीनता” और “दुर्व्यवहार” के लिए निलंबित कर दी है। सिंह ने कहा था कि कांग्रेस में या तो वो रहेंगे या केएल शर्मा। शर्मा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के क्षेत्र प्रतिनिधि हैं।
1990 से कांग्रेस से जुड़े श्रीवास्तव ने राहुल गांधी को लिखा था, “कांग्रेस लोकतांत्रिक व्यवस्था से भटक गयी है और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बदल चुकी है, जहां ब्लॉक, जिला र राज्य स्तर पर पार्टी पदाधिकारियों का चयन एक कमेटी के माध्यम से हो रहा है जो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की तरह बरताव करती है।” श्रीवास्तव ने राहुल को उत्तर प्रदेश में कांग्रेसी की बदहाली के आठ कारण बताए थे। श्रीवास्तव ने लिखा था कि समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन से जनता के बीच ये संदेश गया पार्टी अखिलेश यादव सरकार के कुशासन का समर्थन कर रही है। श्रीवास्तव के अनुसार शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करके पीछे हटने का पार्टी का फैसला जनता को पसंद नहीं आया।
श्रीवास्तव ने लिखा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता अंतिम समय तक ऐसा दिखाते रहे कि पार्टी अकेले दम पर यूपी विधान सभा चुनाव लडे़गी। ऐसे में सपा से गठबंधन के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं, समर्थकों और जनता का भरोसा खो बैठी। श्रीवास्तव के अनुसार कई सपा नेताओं को कांग्रेस ने टिकट दिया जबकि पार्टी से उनका कोई नाता नहीं था।
श्रीवास्तव ने
बातचीत में कहा कि उन्होंने पत्र में जो कुछ लिखा उससे बहुत से कांग्रेसी सहमत होंगे। श्रीवास्तव ने कहा, “ये दुख की बात है कि ऐसी हरा के बाद भी पार्टी ये सुनने या स्वीकार करने को नहीं तैयार है। मैं छात्र जीवन से ही कांग्रेस से जुड़ा रहा हूं और मुझे लगा कि वक्त आ गया है कि कोई इन मुद्दों को उठाए।”
कांग्रेस अनुशासन समिति के चेयरमैन राम कृष्ण द्विवेदी ने कहा, “ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी के प्रवक्ता इस तरह बात कर रहे हैं। पार्टी के सदस्यों के लिए अपनी बात रखने के कई माध्यम हैं लेकिन ये कृत्य अनुशासनहीनता के दायरे में आता है। श्रीवास्तव को पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया गया है।”
वहीं रायबरेली से एमएलएसी दिनेश प्रताप सिंह सदस्यता निलंबित होने के बाद भी अपनी बात पर कायम हैं कि पार्टी में या तो वो रहेंगे या फिर केएल शर्मा। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी रायबरेली से लोक सभा सांसद हैं। सिंह का आरोप है कि उनके भाई अवधेश सिंह जो जिला पंचायत के चेयरमैन हैं, के खिलाफ अविस्ताव प्रस्ताव लाने के पीछे शर्मा का हाथ था। हालांकि शर्मा इस आरोप से पूरी तरह इनकार करते हैं। वहीं सिंह का कहना है कि उन्हें अभी तक निलंबन पत्र नहीं मिला है, मिलने पर वो उचित जवाब देंगे।