Thursday, October 24, 2024
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यूपी पहुंची पंचकुला की आग, बाबा राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद से उनके समर्थक भड़के…

SI News Today

बागपत: सेक्शुअल हैरेसमेंट मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद से उनके समर्थक उग्र हो गए हैं। पंचकुला में कई गाड़‍ियों में तोड़फोड़ और आग लगा दी गई। वहीं, यूपी के गाजियाबाद जिले में राम रहीम के सपोटर्स ने एक सरकारी बस में आग लगा दी। साथ ही कई दुकानों में तोड़फोड़ भी की। सुरक्षा के लिहाज से बागपत के बरनावा में स्थि‍त डेरा सच्चा सौदा आश्रम में PAC बल तैनात किया गया है। आश्रम के अंदर सैकड़ों की तादाद में बाबा के समर्थक मौजूद हैं। ADG एलओ आनंद कुमार ने बताया, यूपी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। पश्चिमी यूपी में हरियाणा से लगे बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। बता दें, शुक्रवार को पंचकुला स्थ‍ित CBI कोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्हें दोषी करार दिया गया। सजा पर अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।

हफ्ते में एक दिन इस आश्रम में प्रवचन देने आते थे बाबा रहीम
– बरनावा स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम की स्थापना बाबा राम रहीम के गुरू सतपाल महाराज ने की थी। इस आश्रम में वैसे तो हर महीने पहले रविवार को ही बाबा का प्रवचन होता है। यहां उनकी सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहते हैं। आश्रम में बाबा जिस स्थान पर आकर विश्राम करते हैं उसे गुफा कहा जाता है। उनके अनुयायी को यहां पहुंचने की अनुमति नहीं है, केवल चंद लोगों को ही गुफा के अंदर प्रवेश की अनुमति है।

– आश्रम की बरनावा में कृषि की जमीन भी है। इस जमीन पर बाबा के अनुयायी ही खेती करते हैं। यहां सब्जी और गेहूं की फसल सबसे अधिक उगाई जाती है। जो फसल उगाई जाती है वह डेरा सच्चा सौदा के अन्य आश्रमों में भेजी जाती है। यही सब्जी आदि के दौरान भोजन बनाने में कामआता है।

– समर्थकों का कहना है कि वो हर हाल में बाबा में पक्ष में फैसला लेकर रहेंगे, फिर चाहे उन्हें कुछ भी करना पड़े। अगर फैसला पक्ष में नहीं आया, तो वो ट्रेन के आगे लेट जाएंगे।

क्या है मामला…
अप्रैल 2002: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और तब के पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को एक साध्वी ने शिकायत भेजी।मई 2002: लेटर के फैक्ट्स की जांच का जिम्मा सिरसा के सेशन जज को साैंपा गया।
दिसंबर 2002: सीबीआई ब्रांच ने राम रहीम पर धारा 376, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया।
दिसंबर 2003: सीबीआई को जांच के निर्देश दिए गए। 2005-2006 के बीच में सतीश डागर ने इन्वेस्टिगेशन की और उस साध्वी को ढूंढा जिसका यौन शोषण हुआ था।
जुलाई 2007: सीबीआई ने अंबाला सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। यहां से केस पंचकूला शिफ्ट हो गया और बताया गया कि डेरे में 1999 और 2001 में कुछ और साध्वियों का भी यौन शोषण हुआ, लेकिन वे मिल नहीं सकीं।

अगस्त 2008: ट्रायल शुरू हुआ और डेरा मुखी के खिलाफ चार्ज तय किए गए।
2011 से 2016: लंबा ट्रायल चला। डेरा मुखी की ओर से अपीलें दायर हुईं।
जुलाई 2016: केस के दौरान 52 गवाह पेश हुए। इनमें 15 प्रॉसिक्यूशन और 37 डिफेंस के थे।
जून 2017: डेरा प्रमुख ने विदेश जाने के लिए अपील दायर की तो कोर्ट ने रोक लगा दी।
25 जुलाई 2017: कोर्ट ने रोज सुनवाई करने के निर्देश दिए ताकि केस जल्द निपट सके।
17 अगस्त 2017: बहस खत्म हुई और अब 25 अगस्त को फैसला आना है।

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