साध्वी रेप मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम को सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को 10 साल की सजा सुना दी। बाबा अभी रोहतक की सुनेरिया जेल में बंद है। जेल में ही अस्थाई कोर्ट बनाई गई थी, जहां जज जगदीप सिंह ने बलात्कारी बाबा को सजा सुनाई। सूत्रों के हवाले से खबर है कि कोर्ट में सजा के ऐलान से पहले बाबा ने अजीब मांग रख दी।
वह जज से जिद करने लगे कि पहले कोर्टरूम में उसकी मूवी MSG देखी जाए। हाथ जोड़कर बाबा ने जज से विनती की कि एक बार फिल्म देख लीजिए, उसके बाद बेशक उम्रकैद दे दीजिए। जज ने बाबा को एक बार मना कर दिया, लेकिन वह मानने को तैयार ही नहीं था। तब जज ने कड़क होकर कहा कि वह उसकी मूवी नहीं देखेंगे। इस पर बाबा कोर्ट के अंदर ही कुर्सी पकड़ फूट-फूटकर कर रोने लगा।
बाबा के रोने की आवाज इतनी तेज थी कि कोर्ट के बाहर भी उसकी आवाज साफ सुनाई दे रही थी। जेल में बनाई गई कोर्ट के बाहर एक गार्डन था। उस गार्डन में एक मोरनी बैठी थी। मोरनी ने जब वह आवाज सुनी तो वह उत्तेजित हो गई। उत्तेजित होकर मोरनी ने बाबा के रोने की आवाज पर रेस्पोंस दिया, लेकिन पुलिस का पहरा होने की वजह से वह अंदर नहीं जा सकी। कोर्ट के बाहर पुलिसकर्मियों ने जब यह देखा तो उन्हें चुप होने का नाम नहीं ले रहे बाबा को शांत कराने का उपाय सूझा।
पुलिसकर्मियों ने कोर्ट में अंदर जाकर जज के कान में सुझाव दिया कि बाबा का रोना बंद करवाया जा सकता है। इसके बाद तुरंत कोर्ट में म्यूजिक सिस्टम लाया गया, लेकिन बाबा रोने में मशगूल थे। उसके बाद उस सिस्टम पर मोरनी की आवाज सुनाई गई। जैसे ही मोरनी की आवाज बाबा ने सुनी तो वो बिल्कुल चुप हो गया। जहां बाबा रो रहा था, वहीं मोरनी की आवाज सुनकर वह जोर-जोर से हंसने लगा।
तब जज ने सजा सुनाई। इसके बाद फिर राम रहीम रोने लगा। लेकिन इस बार सख्ती से काम लिया गया। पुलिस के चार हट्टे-कट्ठे जवान हाथों में डंडा लिए बाबा के पास पहुंच गए। उनकी काया और डंडा देख कर बाबा सहम गया। फिर वह दहाड़ बंद कर सिसकने लगा और दो मिनट के भीतर चुप हो गया। तब बाबा को बैरक पहुंचा दिया गया।
बैरक में बाबा ने चाय की मांग की। कहा गया कि अभी चाय का वक्त नहीं है। इस पर बाबा यह भूल गया कि वह कैदी नंबर 1997 है। वह जेल प्रमुख जैसा बर्ताव करते हुए संतरी को धमकाने लगा। तब संतरी ने उसे एक और केस की याद दिलाई और कहा कि अक्टूबर में उसका फैसला आने वाला है। इसके बाद बाबा झल्लाते हुए शांत हुआ।