दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सेक्स चेंज कराने का मानो फैशन ही चल पड़ा है। हालात ये हैं कि राजधानी स्थित लोक नायक हॉस्पिटल में 5 लोग वेटिंग लिस्ट में हैं। ये परिस्थिति यहां एक नहीं बल्कि कई हॉस्पिटल में देखने को मिल रही है।
डॉक्टर राजीव मेहता ने बताया कि ‘एक दशक पहले देखें तो ऐसे मामले इक्का-दुक्का ही सामने आते थे मगर अब परिस्थिति काफी हद तक बदल गई है। अब हम हर महीने इस तरह के तीन-चार केस देख रहे हैं। ये अब कोई बड़ी बात नहीं रही है। सेक्स चेंज करने को लेकर लोगों के नजरिए में पहले के मुताबिक काफी अंतर आया है।’
27 वर्षीय नेहा (बदला हुआ नाम) जो जन्म से लड़की है। उनका कहना है कि मुझे बचपन से ही क्रॉक पहनना और गुड़ियों से खेलना बिल्कुल पसंद नहीं था। जब मुझे लड़कों जैसा महसूस होने लगा तो मैंने परिवार के सामने सेक्स चेंज करवाने की इच्छा जाहिर की।’ परिवार नहीं माना तो नेहा ने नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या की कोशिश की। परिवार उसे सर गंगाराम हॉस्पिटल ले गया। जहां पता चला कि नेहा बेहद डिप्रेशन में है और वह शराब और निकोटीन की अत्याधिक मात्रा ले रही है।
नेहा हर दिन आधी बोतल व्हिस्की और 20 सिगरेट पी रही थी। उसे लगता था कि उसके शरीर में एक लड़का छिपा है। डॉक्टर्स ने पाया कि उसे जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर है और ये सब उसके परिवार को बताया। इसके बाद नेहा ने अपना सेक्स चेंज करवाया।’
लोकनायक हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. पीएस भंडारी का कहना है कि, ‘इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि ना सिर्फ मेडिकल स्टूडेंट और इंजीनियर अपना सेक्स चेंज कराने को लेकर ऑपरेशन करवा रहे हैं। बल्कि ज्यादातर मिडिल क्लास के लोग भी ऐसा ऑपरेशन कराने हमारे पास सबसे ज्यादा आ रहे हैं।’