AAP government in Delhi changed rules to pay compensation to family members of martyred security personnel.
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दिल्ली सरकार ने मारे गए सुरक्षाकर्मियों के परिजनों को एक करोड़ रूपये का मुआवजा देने के लिए नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। इनमें उन सुरक्षाकर्मियों को भी सम्मिलित किया गया है जिन्होंने सेवा में शामिल होने के पश्चात दिल्ली में रहना शुरू कर दिया।
"शहीदों को ₹1करोड़ सम्मान राशि देने वाली स्कीम को दिल्ली कैबिनेट ने किया संशोधित।
पिछले हफ़्ते शहीद हुए श्री नरेंद्र सिंह के परिवार को भी अब इस स्कीम में सम्मान राशि और एक सदस्य को नौकरी दी जा सकेगी"- @ArvindKejriwalदेखें @kgahlot की प्रेस ब्रीफिंग👇https://t.co/138Xq1JF8s
— AAP (@AamAadmiParty) September 25, 2018
दिल्ली सरकार के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल के हेड कांस्टेबल नरेंद्र कुमार की नृशंस हत्या की हाल हुई में हुई घटना के पश्चात इसमें संशोधन की आवश्यकता महसूस की गई। यह पाया गया कि भले ही नरेंद्र कुमार मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले थे पर उनका परिवार काफी सालों से दिल्ली में रह रहा था.
बता दे कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की एक बैठक में इस फैसले को लिया गया। जिसके पश्चात केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा कि नरेंद्र के परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। इतना ही नही पिछले हफ्ते ही वह हरियाणा के सोनीपत में उनके पैतृक गांव भी गए थे।
शहीदों को एक करोड़ सम्मान राशि देने वाली स्कीम को दिल्ली कैबिनेट ने आज संशोधित किया। पिछले हफ़्ते शहीद हुए श्री नरेंद्र सिंह के परिवार को भी अब इस स्कीम में सम्मान राशि और एक सदस्य को नौकरी दी जा सकेगी।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 25, 2018
वहीं इस नीति में उन कर्मियों के परिवारों को भी सम्मिलित किया जाएगा जिनका स्थायी पता सेवा शुरू करते समय दस्तावेजों में दिल्ली होगा या घटना के समय दिल्ली में तैनात होगा या फिर उनका परिवार कम से कम पांच सालों से दिल्ली में रह रहा हो। दरअसल इसमें कहा गया है कि दिल्ली में आवास के प्रमाण के साक्ष्य पर उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाला मंत्री समूह फैसला लेगा।