लखनऊ: अब उत्तर प्रदेश में यातायात पुलिस की खाकी पैंट नीली हो गई है। नए साल के आखिरी महीने में एक दिसंबर से प्रदेश भर के ट्रैफिक कर्मी नीली पैंट पहनेंगे। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुख्यालय ने नई वर्दी के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी यातायात पुलिस की वर्दी में पैंट नीली थी लेकिन सपा सरकार में इस वर्दी की पैंट को खाकी रंग में बदलने का आदेश दिया था।
पिछली सरकारों के बदलाव और तर्क
सपा सरकार ने जब यातायात पुलिस की वर्दी में परिवर्तन कर जुलाई महीने से इसे लागू किया था तब उसका तर्क था कि वर्तमान में यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा पहनी की जाने वाली वर्दी निजी सुरक्षागार्डों से मिलती-जुलती होने के कारण भ्रम पैदा करती है। यातायात पुलिस उत्तर प्रदेश का अभिन्न अंग है ऐसे में वृहद तौर पर यातायात पुलिस की वर्दी और यूपी पुलिस से पूर्णतया भिन्न होना उचित नहीं है। दोनों शाखाओं में अधिक से अधिक समानता होनी चाहिए।
इसीलिए यातायात पुलिसकर्मियों की वर्दी में परिवर्तन का निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि बसपा सरकार ने 2007 में सत्ता में आने के बाद यातायात पुलिसकर्मियों की वर्दी में बदलाव करते हुए उनकी पतलून और बैरेट कैप नीली करने के साथ सीटी डोरी और मोजे नीले कर दिए थे। उस समय विपक्ष में रही सपा ने मायावती सरकार पर यातायात पुलिस का बसपाकरण करने का आरोप लगाया था।
वर्दी में बदलाव और दिसंबर की तारीख
पुलिस की वर्दी में बदलाव और दिसंबर की तारीख के बारे में भी कुछ तथ्य साने आए हैं। दरअसल, देश में पुलिस की वर्दी का रंग खाकी है। यही रंग उत्तर प्रदेश पुलिस का भी है। इसमें हल्के पीले और भूरे रंग की मिलावट महसूस होती है। हिंदी में खाकी का मतलब मिटटी का रंग है।
खाकी रंग विश्व के बहुत से देशो के आर्मी इस्तेमाल करती है। जानकारों के मुताबिक खाकी सबसे पहले नार्थ वेस्ट फ्रंटियर के गवर्नर के एजेंट सर हेनरी लारेंस के द्वारा खड़े किए गए फ़ोर्स कर्प्स आफ गाइड का रंग था। उसने भी दिसम्बर 1946 में इस वर्दी को लागू किया था।