Wednesday, July 24, 2024
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उन परिवारों के नाम जिनकी बेटी ने बिरादरी की नाक कटवा दी

SI News Today

By https://www.facebook.com/riwadivya

आदरणीय पिताजी, परिवार में पिताजी को इसलिए लिखा क्योंकि ज्यादा इज़्ज़त पुरुष,पति और पिता की ही होती है इसलिए नाक भी उन्हीं की कटती है। औरतों का बस बरामदा, रसोई और आंगन होता है। अगर चौखट से बाहर कुछ हुआ भी तो वो चौखट के बाहर चौपाल लगाने वालों की कृपा से ही संभव हो पाता है। पिताजी, आप ने अपनी बिटिया को बड़े नाज़ों से पाला-पोसा, उसकी पसंद के स्कूल और कॉलेज में पढ़ाया, वो अपनी पसंद के कपड़े पहनती-ओढ़ती थी। आपने कोई कसर नहीं छोड़ी फिर भी लड़की ने आपकी लाज नहीं रखी। बिरादरी में आपकी नाक कटवा दी। उसे किसी लड़के से प्यार हो गया और वो ज़िद्द पर अड़ी थी कि उसी से शादी करनी है। आज आपको सभी लोग कोसते हैं कि आपने उसे उतनी छूट दी ही क्यों? आपको भी लगता है कि इतना प्यार देने का क्या फायदा अगर उसने अपनी मर्ज़ी से किसी दूसरी बिरादरी का लड़का पसंद कर लिया।

वो अपनी पेंसिल तक खुद से चुन सकती है पर उसे किसके साथ रहना है ये आप चुनेंगे। पेंसिल 4 दिन बाद नहीं रहेगी, पर उसे उस लड़के के साथ उम्र भर रहना है। वो मर भी गया तो उसी की विधवा बनी रहना है। फिर भी अगर उसने अपना साथी खुद पसंद कर लिया तो आपकी नाक कट गई। आप अपनी ये नाक बचाने के लिए उसे किसी ऐसे के बिस्तर पर पटकना चाहते हैं जहां वह जाना नहीं चाहती। आप पिता हैं, सिर्फ़ इसलिए उस लड़के के साथ हमबिस्तर होना आपकी बेटी का बलात्कार नहीं कहलाएगा। रिवाज़ के लिहाफ़ में ओढ़ी यह प्रथा ‘ज़बरदस्ती’ नहीं मानी जाएगी। आप अपनी बेटी से बहुत प्यार करते हैं पर अंतरजातीय विवाह के नाम पर आपका प्यार गंगा में बह जाता है और आप उसे सीधी धमकी देते हुए, काटकर शहर के किनारे बह रहे नाले में फेंकने की बात करते हैं। लड़की की मां जो आज तक किसी बात पर बोलने का अधिकार नहीं रखतीं कि क्या सही है और क्या गलत, वो भी इस वक्त आपकी वकालत करने लगती हैं। वो मां जिन्हें हर बात का यही जवाब पता है कि – पापा से पूछ लो.. लड़की के प्रेम का किस्सा सुनते ही कह देती हैं कि तुम्हारी जैसी बेटी से अच्छा मैं बांझ हुई होती।

आप बेटियों को नहीं पालते, उनके बहाने समाज में अपना पालन-पोषण करते हैं। आपको बेटियों से लगाव है पर खुद से अधिक नहीं। आप तबतक बेटी से प्यार करते हैं जबतक वो प्यार आपके स्वप्रेम को चोट नहीं पहुंचाता। आप इस प्रेम में स्वार्थी हैं। उसे पढ़ाते-लिखाते हैं, सबकुछ करते हैं क्योंकि वो आपकी औलाद है। पर जब शादी की बात आती है तो आप चाहते हैं कि आखिरी फैसला आपका हो। दूसरी जाति में शादी आपको खटकती है, इसलिए नहीं कि लड़का खराब है.. इसलिए कि समाज क्या कहेगा। लोग क्या कहेंगे। ऐसे लोग जिन्हें 4 मोहल्ले से आगे जानने वाला कोई न हो, समाज के नाम की माला सबसे ज्यादा जपते हैं। आप जैसे लोग ये दावे करते हैं कि ये प्यार-मुहब्बत भरा रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चलता। लंबा चलने की गारंटी के साथ कोई रिश्ता नहीं आता। आपका वो अरेंज्ड मैरेज भी नहीं। कल अगर मैं परेशान हूं। आपकी पसंद का लड़का मुझे शादी के बाद पसंद नहीं करता तो आपका समाज नसीहतों से अधिक कुछ नहीं देता है। मैंने अंतरजातीय विवाह पर खाप के फैसले देखे और सुने हैं। मैंने वो घटनाएं देखी हैं जिनमें लड़कियों ने अपनी मर्ज़ी से दूसरी जाति के लड़के से शादी कर ली है। वो लड़की परिवार के लिए ‘मर’ जाती है। उससे परिवार का कोई लेना-देना नहीं रहता। शादी के 10 साल बाद भी अगर किसी ने घर में उसका नाम ले लिया तो बवाल होने लगता है। मैंने ऐसे घर भी देखे हैं जहां लड़के घर के खिलाफ़ जाकर शादी करते हैं। नाराज़गी उनसे भी रहती है, कई सालों तक रहती है.. पर फिर वो अचानक ही खत्म हो जाती है। पोते का मुंह देखकर दादा-दादी सब भूल जाते हैं। नाती का मुंह देखकर यही जब नाना-नानी बनते हैं तो उस नाती में पराई जाति का खून ढूंढ निकालते हैं। आप बेटी को आज भी स्वीकार नहीं पाए। बेटी पराया धन है ये समाज की रवायत होगी पर आपको भी अपने कुल के दीपक की ही फ़िक्र होती है। जीते जी आप अपनी लाश को कंधा देने वालों के लिए ही मरते फिरते हैं। बेटी ने अगर कह दिया कि उसे कोई लड़का पसंद है और वो दूसरी जाति का है तो ये आपकी साख़ का सवाल बन जाता है। यही बात बेटा कहता है तो आपकी इज़्ज़त का फालूदा नहीं होता। आप ज्यादा से ज्यादा यही करते हैं कि लड़के की पसंद का ख्याल नहीं रखते। लड़की के केस में आप उसे कमरे में कैद रखने से भी नहीं कतराते। वो आपकी बेटी नहीं, आपकी संपत्ति हो जाती है। वो अचानक ही बद्चलन, बद्तमीज़ और बेहया हो जाती है। आपको उससे कोई प्रेम नहीं रहता। आप बस चाहते हैं कि जल्द से जल्द उसकी शादी कर दें और आपका पिंड छूट जाए। कभी सोने से पहले खुले आसमान को निहारते हुए सोचिएगा कि ये क्या है? ये जो भी है उसे स्वार्थ क्यों नहीं कहा जाना चाहिए? आपके साथ अपने जीवन से 2-3 दशक बिता चुकी लड़की को इसके बाद आपके बारे में क्या सोचना चाहिए? अपना पेट काटकर आप उसकी शादी के दहेज़ के लिए पैसे जोड़ते हैं पर शादी आपके हिसाब से होनी चाहिए। असल में ज़िंदगी का वो सबसे बड़ा फैसला आपका होता है, लड़की बस नाच रही होती है।

ऐसे में अगर लड़की को यही लगने लगे कि आप अपनी साख के लिए उसका गला घोंट रहे हैं तो उसे क्या करना चाहिए? भागने में इज़्ज़त नहीं होती। चुपचाप शादी कर लेने में होती है। आप वही मां-बाप हैं जो लड़की की मौत से कहीं ज्यादा परेशान उसके बलात्कार पर हो जाते हैं; यहां भी आपकी वही पुरानी इज़्ज़त वाली थ्योरी चलती है। बलात्कार के बाद लड़की पर क्या बीतती है इस पर बाद में बात करेंगे बड़ी बात तो ये है कि अब लड़की से शादी कौन करेगा? आपलोग अपनी बेटियों के बहाने अपनी प्रतिष्ठा से प्रेम करते हैं। अगर आप मज़बूत रहें तो आपका ‘समाज’ कुछ कहने नहीं आता। पर आप बेटियों को जागीर मानते हैं और खुद के साथ-साथ पूरे समाज को उस जागीर का रखवाला। आप अपना स्वार्थ, अपनी नाक देखते हैं। बेटियों की भावना, पीड़ा नहीं दिखती। आपने बेटियों को त्याग की देवी बनते हुए ही देखा है। वो आपकी इज़्ज़त-मान-सम्मान बनने के लिए ही जन्मीं हैं। यकीन मानें, हर बेटी के लिए बहुत मुश्किल होता है आपकी ये नाक कटवाना, पर आप अपनी नाक के बदले उसके जिस्म का सौदा कर आते हैं, वहां जहां उसका दिल नहीं है। और इस सौदे को रिवाज़ का नाम देकर अपनी नाक बचा लेते हैं। कभी फुर्सत में बैठकर अपनी बेटी को या उसकी तस्वीर को निहारते हुए सोचिएगा.. वो बेटी ‘ज़िम्मेदारी’ से अधिक भी कुछ है। ‘शादी की उम्र’ की ओर बढ़ती हुई एक बेटी

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