Thursday, March 28, 2024
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अंडकोष के दर्द को न ले हल्‍के में, जानिए वजह…

SI News Today
Do not take the pain of the testicles lightly, know the reason...

पुरुषों को टेस्टिकल्स का दर्द को कभी भी हल्‍कें में नहीं लेना चाह‍िए। अगर इस दर्द का समय पर इलाज न किया जाए तो भारी नुकसना उठाना पड़ सकता है। आइए जानते हैं अंडकोष में किन कारणों से दर्द हो सकता है। अगर अचानक से टेस्टिस या अंडकोष में दर्द होना शुरु हो जाएं तो पुरुषों को लापरवाही नहीं बरतनी चाह‍िए समय रहते डॉक्‍टर को दिखाएं। कई मामलों में होता है कि चोट के कारण पुरुषों को टेस्टिस में दर्द की शुरूआत होती है। टेस्टिकल्स में कभी-कभी और लगातार दर्द रहना खतरनाक माना जाता है।

अंडकोष यानी टेस्टिस पुरुषों में पायी जाने वाली एक थैली है। अंडकोष की थैली के अंदर दो अंडकोष होते हैं। अंडकोष लाखों छोटे-छोटे शुक्राणु कोशिकाएं पैदा करते हैं और उन्हें सुरक्षित रखते हैं। इसके अलावा ये टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन भी बनाते हैं, एक ऐसा हार्मोन जिसके कारण लड़के शुक्राणु पैदा करते हैं। कई कारणों से टेस्टिस में दर्द होता है परंतु उसका उपचार भी संभव है। टेस्टिस बहुत ही सेंसेटिव पार्ट होता है। यहां लगी हल्‍की चोट भी आपके ल‍िए खतरनाक साबित हो सकती है। टेस्टिस में अगर कभी बचपन के समय खेलते समय चोट लग गई हो तो वो भी उभर कर सामने आ जाती है। टेस्टिस में दर्द है तो इसका जल्द से जल्द उपचार डॉक्‍टर को द‍िखाएं घरेलू उपाय अजमाने से पहले 10 बार सोचें।

ग्रोइन हर्निया की वजह से छोटी आंत का कुछ भाग जब नीचे की तरफ आ जाता है तो वह अंडकोष में प्रेशर बनाता है जिसकी वजह से भी दर्द हो सकता है। इसे ग्रोइन हर्निया भी कहा जाता है, इसकी वजह से अंडकोष में तेज दर्द और सूजन हो सकता है। ऐसा वजन उठाने या गलत वर्कआउट करने की वजह से भी हो सकता है। अंटेशन जेंटलमेन! क्‍या आप जानते है. टेस्टिस में दर्द का कारण टेस्टिकुलर कैंसर भी हो सकता है। इसके लिए हमेशा सतर्क रहने की जरूरत होती है। अगर अंडकोष में कोई गांठ है और आपके अंडकोष में दर्द और सूजन है तो इसकी तुरंत जांच करायें। ये कैंसर अंडकोष से शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है। टेस्टिकुलर कैंसर का इलाज संभव है इसके सफल होने का प्रतिशत 95 प्रतिशत है।

एपीडिड्यमिटिस की वजह से टेस्टिकल्स की नसों में जलन और दर्द होने लगता है। इसका कारण चोट या इंफेक्शन भी हो सकता है। एपीडिड्यमिस में जलन होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे चोट लगना, बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण और STD की वजह से भी एपीडिड्यमिटिस ज्यादातर 18 से 36 वर्ष के पुरुषों में ज्यादा पाया जाता है.  कोनायम अंडकोष में खून प्रवाहित करने वाली नाड़ियों के अन्दर खून जमा होने के कारण शारीरिक शक्ति कम हो जाती है और उस हिस्‍सें में कम संवेदनशीलता महसूस होती है। इस वजह से या तो यहां कभी कभी सूजन आ जाती है। ऑर्किटिस की वजह से ये समस्‍या वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से होती है। इसमें भी जलन और दर्द होता है, इसकी वजह से अंडकोष में सूजन और दर्द होता है। इसमें आपको एक या दोनों अंडकोष में कोमलता या शिथिलता, जो सप्ताहों तक आपको महसूस होती है। इसका भी समय रहते इलाज न किया जाय तो यह अंडकोष की कार्य क्षमता को प्रभावित करता है।

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