Tuesday, January 21, 2025
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कल्याण सिंह गवर्नर पद छोड़कर मुकदमे का करे सामना -असदुद्दीन ओवैसी

SI News Today

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्‍तेहादुल मुस‍लमीन (एआईएमआईएम) के अध्‍यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी विध्वंस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि अगर सचमुच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार मामले में इंसाफ चाहती है तो पहले राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह को पद से हटाए और उन्हें मुकदमे में कोर्ट ट्रायल का सामना करने को कहे। सुप्रीम कोर्ट ने आज (19 अप्रैल को) ही मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती और गवर्नर कल्याण सिंह समेत कुल तेरह लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला चलाने का आदेश दिया है।

6 दिसंबर, 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इन नेताओं के खिलाफ लगे आपराधिक साजिश के आरोपों को बहाल करने की सीबीआई की याचिका को स्वीकार कर लिया और नेताओं और ‘कारसेवकों’ के खिलाफ लंबित मामलों को भी इस मामले में शामिल कर दिया और कहा कि अदालती कार्यवाही दो साल में पूरी हो जानी चाहिए। न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने कहा, ‘‘हमने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील को कुछ निर्देशों के साथ स्वीकार कर लिया है।’

हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा कि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पास संवैधानिक छूट प्राप्त है और उनके खिलाफ मामला पद छोड़ने पर ही चलाया जा सकता है। कल्याण सिंह वर्ष 1992 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। न्यायालय ने कुछ अन्य निर्देश भी जारी किए। जिनमें एक निर्देश यह था कि रायबरेली और लखनऊ की निचली अदालतों में चल रहे अलग-अलग मामलों को एकसाथ मिला दिया जाएगा और इन्हें उत्तरप्रदेश की राजधानी में ही चलाया जाएगा। न्यायालय ने यह भी कहा कि लखनऊ की निचली अदालत के न्यायाधीश का तब तक ‘‘स्थानांतरण नहीं किया जाना चाहिए’’, जब तक इस संवेदनशील मामले का फैसला नहीं आ जाता। कोर्ट ने जांच एजेंसी सीबीआई को यह निर्देश भी दिया कि वह अभियोजन पक्ष के गवाहों का अपना बयान दर्ज कराने के लिए प्रत्येक तारीख पर पेश होना सुनिश्चित करे।

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