Monday, December 2, 2024
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3 साल में 149th पोजिशन से नंबर वन पर पहुंचा देश का सबसे साफ शहर इंदौर

SI News Today

नई दिल्ली. स्वच्छता सर्वे 2017 के मुताबिक, इंदौर देश की सबसे क्लीन सिटी बन गया है। इस लिस्ट में एमपी की राजधानी भोपाल का दूसरा नंबर है। टॉप क्लीन सिटीज में एमपी 11 शहर शामिल हैं। बता दें कि 2014 में इस लिस्ट में इंदौर 149th नंबर पर था। 434 शहरों का सर्वे किया गया…
– अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री की ओर से किए गए इस सर्वे में 434 शहरों को शामिल किया गया। मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत सर्वे किया गया।
– बता दें कि स्वच्छ भारत अभियान 2014 में लॉन्च किया गया। महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष यानी 2019 तक भारत को साफ बनाना और खुले में शौच से मुक्त करना इस अभियान का मकसद है।
टॉप 50 में किस राज्य से, कितने शहर
गुजरात- 12
मध्य प्रदेश- 11
आंध्र प्रदेश- 8
3 साल पहले कहां थीं टॉप 10 क्लीन सिटीज
– 2017 में 1 लाख पॉपुलेशन से ज्यादा वाले 434 शहरों का सर्वे किया गया, वहीं 2014 में एक लाख पॉपुलेशन से ऊपर 476 शहरों का सर्वे किया गया था।
शहर और रैंकिंग 2017 2016 2014-15
इंदौर (मध्यप्रदेश) 1 25 149
भोपाल (मध्यप्रदेश) 2 21 105
विशाखापत्तनम (आंध्र) 3 5 205
सूरत (गुजरात) 4 6 63
मैसूर (कर्नाटक) 5 1 1
तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु) 6 3 2
दिल्ली (NDMC) 7 4 15
नवी मुंबई (महाराष्ट्र) 8 12 3
तिरुपति (आंध्र) 9 — 137
वडोदरा (गुजरात) 10 13
214
वाराणसी 32 65 418
*यह तीसरा स्वच्छता सर्वेक्षण सर्वे है। शुरुआत 2014 में हुई। इसके बाद 2016 और अब 2017 में यह सर्वे आया है।
इंदौर ने कैसे हासिल की नंबर-वन पोजिशन
– 2011-12 में इंदौर सफाई के मामले में 61th नंबर पर था। इसके बाद 2015 में यह बढ़कर 25th पोजिशन पर आया।
– एक साल पहले तक इंदौर में 15 हजार परिवार ऐसे थे जिनके पास अपने टॉयलेट नहीं थे। एक साल में इंदौर नगर निगम ने 12549 इंडिविजुअल टॉयलेट, 200 यूरिनल्स और 190 पब्लिक टॉयलेट्स बनाए। यही नतीजा रहा कि जनवरी 2017 में पीएमओ ने इंदौर को खुले में शौच की समस्या से मुक्त शहर घोषित कर दिया।
– इंदौर में हर दिन 50 हजार किलो कचरा निकलता है। इसमें से 13 हजार किलो प्लास्टिक वेस्ट होता है। इंदौर नगर निगम ने इसके लिए प्लास्टिक कलेक्शन सेंटर बनाया। इससे प्लास्टिक की वजह से शहर में होने वाला पॉल्यूशन 140 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर से घटकर 80 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर रह गया।
– साफ-सफाई के मामले में रैंकिंग सुधरने पर अब इंदौर नगर निगम को अमृत योजना की किस्त जारी हो जाएगी। इसमें सीवेज और ड्रेनेज के लिए करीब 800 करोड़ रुपए केंद्र से मिलना हैं। इसकी डीपीआर निगम ने केंद्र को भेजी है, लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिल पाई है।
सबसे गंदे शहर
– 2017 के स्वच्छता सर्वे में यूपी के गोंडा का नंबर आखिरी है। इससे पहले महाराष्ट्र के भुसावल का नंबर है।
100th नंबर पर है लेह
– 100 साफ शहरों में पॉलिथिन फ्री जम्मू-कश्मीर के लेह का नंबर 100वां है। इस लिस्ट में अनंतनाग का 197th, श्रीनगर 241th और जम्मू को 251th पोजिशन मिली है। बता दें कि श्रीनगर और जम्मू में हाईकोर्ट के निर्देश पर सरकार ने पॉलिथिन बैग्स बैन कर रखे हैं। लेकिन, दोनों ही जगहों पर इसका इस्तेमाल किया जाता है।
इस आधार पर रिपोर्ट तैयार हुई
– सर्वे में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, वेस्ट कलेक्शन, शौचालयों के हालात, सफाई को लेकर लोगों की आदतों में सुधार और सफाई पर एजुकेशन और अवेयरनेस को आधार बनाया गया था। शहरी विकास मंत्रालय की काउंसिल ने देश के 38 शहरों को सम्मानित करने की सिफारिश की थी। काउंसिल ने इन शहरों में जाकर सड़क से लेकर पब्लिक प्लेस, मार्केट, रेलवे लाइन, बस स्टैंड और सेक्टर कॉलोनियों का सर्वे कर सफाई की रिपोर्ट तैयार की थी।
2000 प्वाइंट्स के लिए हुआ सर्वे
1. निगम के अपने लेवल पर किए गए काम : 900 प्वाइंट्स
2. केंद्र की टीम का असेसमेंट : 500 प्वाइंट्स
3. साफ-सफाई पर लोगों का फीडबैक : 600 प्वाइंट्स

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