Thursday, May 16, 2024
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संघ के छात्र संगठन एबीवीपी नेता ने किया प्रश्न पत्र लीक !

SI News Today

 

सीबीएसई पेपर लीक मामले में जवाहर नवोदय विद्यालय और डीएवी के छात्रों के बयान के आधार पर मामले की पड़ताल कर रहे एसपी द्वारा एबीवीपी के जिला संयोजक सतीश पांडेय, उसके सहयोगी समेत कुछ छात्रों को झारखंड के चतरा में पुलिस ने हिरासत में लिए गए गठित एसआईटी ने यह कदम उठाया है। सतीश जिले के जतराहीबाग में स्टडी विजन नाम का निजी कोचिंग सेंटर का चलाता है। इसके अलावा उसके सहयोगी पंकज सिंह को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोप है कि दोनों ने व्हाट्स एप्प पर परीक्षा से पहले ही प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराया था।
हिरासत में लिए गए एबीवीपी के जिला संयोजक और उसके सहयोगी से पूछताछ के बाद एसआईटी ने झारखंड-बिहार के अलग-अलग जिलों से लगभग दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसपी अखिलेश बी वारियर ने बताया कि मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पेपर लीक करने वालों ने पैसे देकर खरीदने वालों के अलावा सोशल मीडिया पर गैर-कानूनी तरीके से पेपर भेजने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी। सीबीएसई के 10वीं की गणित व 12वीं के अर्थशास्त्र के पेपर लीक मामले में देश के राष्ट्रीय बैंक भी शक के दायरे में आ गए हैं। दरअसल सीबीएसई के पेपर स्कूलों में जाने से पहले बैंकों के लॉकर में जमा होते थे। इस मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने सीबीएसई के कंट्रोलर के के चौधरी समेत तीन अधिकारियों से जो पूछताछ की, उससे यह शक पैदा हुआ है। पुलिस ने इन अधिकारियों से पूरे परीक्षा सिस्टम के बारे में जानकारी ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सीबीएसई के कंट्रोलर के के चौधरी और सीबीएसई के दो अन्य अधिकारियों को गुरुवार को शकरपुर स्थित अपराध शाखा के कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की। पुलिस अधिकारियों के अनुसार उनसे करीब चार घंटे तक परीक्षा सिस्टम के बारे में जाना गया कि पेपर कैसे बनते हैं, कैसे सैट होते हैं, प्रिंट कहां और कैसे होते हैं।
पूछताछ में पता लगा कि परीक्षा सेंटर पर जाने से पहले पेपर स्कूल के नजदीक वाली राष्ट्रीय बैंक के लॉकर में जमा होते हैं। परीक्षा वाले दिन प्रिंसिपल बैंक लॉकर से पेपर बंडल को लेकर आते हैं।पुलिस अधिकारियों के अनुसार ये भी माना जा रहा है कि हो सकता है कि कहीं बैंक से पेपर लीक हुआ हो। पुलिस ने बैंकों को लेकर भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस बैंकों की सूची तैयार कर रही है। पुलिस पेपर छापने वाली प्रिटिंग प्रेस के लोगों की सूची भी तैयार कर रही है।
इधर कांग्रेस  ने ट्वीट कर कहा है की – क्या चौकीदार के अपने लोग ही युवा छात्रों का भविष्य बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार हैं? भाजपा का पिछला इतिहास देखा जाए तो ये सच ही लगता है!

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