Thursday, May 16, 2024
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धन लाभ के लिए भी किया जाता है इस दिन पूजन, जानिए महत्व…

SI News Today

हिंदू पंचाग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को यशोदा जयंती मनाई जाएगी। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मंगलवार 6 फरवरी 2018 को भगवान कृष्ण की माता यशोदा का जन्मदिवस मनाया जाएगा। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरुप और देवी यशोदा के पूजन का विधान माना जाता है। उत्तर भारत के साथ महाराष्ट्र, गुजरात में भी यशोदा जयंती का पर्व उल्लास के साथ मनाया जाता है। भगवान कृष्ण की माता यशोदा वात्सल्य की देवी हैं। उनके नाम का अर्थ यश और हर्ष देने वाली माना जाता है।

भागवत पुराण के अनुसार कृष्ण देवकी और वासुदेव के पुत्र थे लेकिन कृष्ण की सुरक्षा के लिए वासुदेव उन्हें अपने मित्र को दे आए थे। यहां माता यशोदा से उन्हें मातृत्व का सुख प्राप्त हुआ था। जिन दंपत्तियों को संतान की इच्छा होती है वो इस दिन कृष्ण के बाल रुप और माता यशोदा के लिए व्रत करते हैं। इस दिन माता यशोदा की अर्चना की जाती है। माता यशोदा को वात्सल्य से भरा हुआ माना जाता है, इस दिन व्रत करने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। यशोदा जयंती के दिन व्रत करने वाले श्रद्धालुओं को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद मां यशोदा का ध्यान करना चाहिए और उसके साथ ही बाल रुप कृष्ण यानी लड्डू गोपाल का ध्यान करना चाहिए। माता यशोदा के चित्र को लाल चुनरी अर्पित करें, पंजीरी और मीठा रोठ और माक्खन का भोल लड्डू गोपाल को लगाएं। मन में दोनों की स्तुति का जाप करें।

इस बार षष्ठी की शुरुआत 5 फरवरी को सुबह 8 बजकर 5 मिनट से शुरु हो रही है और षष्ठी तिथि संपन्न 6 फरवरी सुबह 8 बजे हो रही है। संपत्ति लाभ हेतु इस दिन गेंहू से भरा तांबे का कलश कृष्ण मंदिर में अर्पित करना लाभदायक माना जाता है। घर में हो रहे लड़ाई-झगड़े से मुक्ति पाने के लिए यशोदा-कृष्ण को अर्पित मोली अपने घर के मुख्य दरवाजे पर बांधना लाभदायक माना जाता है।

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