Tuesday, May 14, 2024
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शहाबुद्दीन ने सुलेमान से करवाई एक पत्रकार की हत्या, दूसरे को मारने का दिया ऑर्डर- आईजी ने एसएसपी को ल‍िखा था

SI News Today

पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की संलिप्तता सामने आने के बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीबीआई शहाबुद्दीन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराएगी। इससे पहले साल 2003 में पटना के एक और पत्रकार कुणाल कुमार की हत्या कराने का आरोप शहाबुद्दीन पर लगा था। केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी से मिले इनपुट के आधार पर 6 अक्टूबर, 2003 को तत्कालीन आईजी (हेडक्वार्टर) नीलमणि ने पटना के सीनियर एसपी सुनील कुमार को फैक्स के जरिए खत भेजकर इसकी सूचना भेजी थी और कार्रवाई करने को कहा था। इस चिट्ठी की कॉपी बिहार के तत्कालीन गृह सचिव वी के हलधर और स्पेशल ब्रांच के तत्कालीन आईजी ए के गुप्ता को भी भेजी गई थी।

इस पत्र में लिखा गया है, “केंद्रीय खुफिया एजेंसी से मिले इनपुट के मुताबिक 29 नवम्बर, 2003 को पटना के नेहरू नगर में हुई पत्रकार कुणाल कुमार की हत्या आरजेडी सांसद (तत्कालीन) शहाबुद्दीन के इशारे पर शार्र शूटर सुलेमान और उसके साथियों ने की है। कुणाल ने अपनी मैग्जीन में सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ खबर छापी थी जिससे वो काफी नाराज और गुस्से में थे।”
Bihar Police तत्कालीन आईजी (मुख्यालय) नीलमणि द्वारा पटना एसएसपी को कार्वाई के लिए लिखी गई चिट्ठी।

इसी पत्र में आईजी ने आगे लिखा है, “सांसद (तत्कालीन) शहाबुद्दीन ने पटना से प्रकाशित ‘हिन्दुस्तान’ दैनिक में कार्यरत पत्रकार सुरेन्द्र सिंह को भी मारने का निर्देश शार्प शूटर सुलेमान और उसके साथियों को दिया है।” पत्र में लिखा गया है कि शहाबुद्दीन अपने खिलाफ सुरेन्द्र सिंह द्वारा लिखी गई किसी खबर से नाराज हैं। इसके अलावा इस पत्र में आईजी ने पटना एसएसपी को इस दिशा में ठोस कार्रवाई करने और पत्रकार सुरेन्द्र सिंह को दो कार्बाइन धारक बॉडीगार्ड उपलब्ध कराने को भी कहा था।

गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर  की एक विशेष अदालत में सोमवार (22 मई) को सीबीआई ने कहा है कि राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में हाथ है। राजदेव रंजन की पिछले साल सीवान में हत्या कर दी गई थी। शहाबुद्दीन सीवान से सही सांसद रहे हैं। सीबीआई ने विशेष अदालत में शहाबुद्दीन के खिलाफ वारंट जारी किए जाने की मांग की। सीबीआई के अनुसार पिछले आठ महीने की जांच में उसे जो सबूत मिले हैं उनके आधार पर वो इस नतीजे पर पहुंची है। शहाबुद्दीन इस समय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं।

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