Monday, May 13, 2024
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दिल्‍ली-NCR को दो बड़ी सौगात देंगे नरेंद्र मोदी!

SI News Today

Narendra Modi will give Delhi-NCR two big deals!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो महत्वाकांक्षी सड़क परियोजनाओं (दिल्ली-मेरठ एंव ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे’ (ईपीई) का आज लोकार्पण करेंगे. 11,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे देश का पहला स्मार्ट और हरित राजमार्ग है.

सबसे पहले प्रधानमंत्री सुबह 10 बजे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (एनएच-9) के तैयार हो चुके पहले चरण के काम का लोकार्पण करेंगे. इसके लिए पीएएम मोदी निजामुद्दीन-रिंग रोड जंक्शन से लेकर पटपड़गंज पुल तक के लगभग साढ़े छह किमी के हिस्से का मुआयना भी करेंगे. दरअसल, पहले चरण में साढ़े आठ किलोमीटर, जोकि सराय काले खां से यूपी गेट तक है, के चौड़ीकरण का कार्य पूरा हो चुका है.

जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री रविवार सुबह सबसे पहले प्रधानमंत्री निजामुद्दीन-रिंग रोड जंक्शन पर पहुंचेंगे, जहां केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के अलावा दिल्ली के सभी सातों सांसद यहां उनकी अगवानी करेंगे. यहां पहले उन्‍हें एक्सप्रेस-वे से जुड़ी सभी महत्‍वपूर्ण जानकारियां दी जाएंगी, जिसके बाद पीएम वह खुले वाहन से पटपड़गंज पुल तक जाएंगे. उनका यह रोड शो निजामुद्दीन ब्रिज से शुरू होगा. यह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का लगभग 9 किलोमीटर का पहला चरण है. इसके बाद करीब 11.25 बजे प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से हरियाणा के कुंडली पहुंचेंगे.

इसके उपरांत पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन समारोह उत्तर प्रदेश के बागपत में जिला खेल स्टेडियम में होगा. एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के डिजिटल आर्ट गैलेरी का सोनीपत के जाखौली में टोल प्लाजा के पास उद्घाटन करेंगे.

एक्‍सप्रेस-वे पर आई 11,000 करोड़ रुपये की लागत
कुल 135 किलोमीटर लंबे इस एक्‍सप्रेस-वे पर 11,000 करोड़ रुपये की लागत आई है. यह देश का पहला राजमार्ग है, जहां सौर बिजली से सड़क रोशन होगी. इसके अलावा प्रत्येक 500 मीटर पर दोनों तरफ वर्षा जल संचय की व्यवस्था होगी. इस एक्सप्रेस-वे पर 8 सौर संयंत्र हैं, जिनकी क्षमता 4 मेगावाट है.

इस हाईवे पर सौर ऊर्जा सेे रोशन होंगी सड़कें
यह देश का पहला हाईवे है, जहां सौर बिजली से सड़कें रोशन हो रही हैं. इसके अलावा प्रत्येक 500 मीटर पर दोनों तरफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है. हाईवे पर 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया गया है और 40 झरने बनाए गए हैं. प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के लिए आधारशिला 5 नवंबर, 2015 को रखी थी. यह देश का पहला एक्सिस कंट्रोल हाईवे है और वाहनों को उनकी यात्रा के बराबर टोल चुकाना होगा.

यह देश का सबसे हाईटेक हाईवे है
यह तकनीकी के मामले में दुनिया के किसी भी एक्सप्रेस-वे को टक्कर दे सकता है. यह देश का सबसे हाईटेक हाईवे है. इस हाईवे के शुरू होने से दिल्ली पर पड़ने वाला वाहनों का बोझ कम हो जाएगा, जिससे राजधानी की हवा की क्वालिटी में भी सुधार होगा. यह हाईवे कुंडली, मवीकलां (एनएच-57), दुहाई (एनएच-58), डासना (एनएच-24), बील अकबलपुर (एनएच-91) को जोड़ते हुए कासना-सिकंदरा, फैजपुर खादर से होते हुए हरियाणा के पलवल से जुड़ेगा. इस हाईवे के शुरू होने से राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर से आने वाले वाहनों को अब दिल्ली के अंदर प्रवेश नहीं करना पड़ेगा.

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