Thursday, November 28, 2024
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हंगामा व वेल में नारेबाजी से दोनों सदन कल 11 बजे तक स्थगित

SI News Today

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के पहले सत्र का पहला दिन आज हंगामे की भेंट चढ़ गया। समाजवादी पार्टी के साथ ही बसपा व कांग्रेस के विधायकों के प्रदेश में खराब कानून-व्यवस्था को लेकर हंगामा किया। जिसके कारण राज्यपाल के संबोधन के बाद आज दोनों सदन को कल दिन में 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया।

विधान परिषद में भी विपक्ष ने काफी हंगामा किया। इस दौरान वेल में नारेबाजी भी की गई। जिसके कारण सदन की आगे की कार्यवाही कल तक 11 बजे तक स्थगित कर दी गई है।

लखनऊ में आज विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही हंगामा होने लगा। इस हंगामा के दौरान राज्यपाल राम नाईक के ऊपर विपक्ष ने कागज के टुकड़े फेंके। लॉ एंड आर्डर की स्थिति को लेकर समाजवादी पार्टी के विधायको ने हाथ में बैनर और तख्ती लेकर प्रदर्शन और हंगामा किया। विपक्षी विधायक सदन में प्लेकार्ड लेकर आए थे।

राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के विधायकों ने उनकी ओर कागज के गोले फेंके। सभी सपा नेता लाल टोपी पहनकर आए हैं और हाथों में सीटी भी थी। कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष लामबंद है।

हंगामे के बीच राज्यपाल ने पूरा किया संबोधन

राज्यपाल राम नाइक ने हंगामे और नारेबाजी के दौरान ही अपना संबोधन पूरा किया। विपक्ष के हंगामे पर कैबिनेट के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि हम आशा करते हैं कि विपक्ष अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएगा। सिद्धार्थ नाथ ने कहा कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा सरकार खुद राज्य की कानून-व्यवस्था बेहतर नहीं कर पाई और हमसे 50 दिनों की रिपोर्ट मांगी जा रही है। इससे पहले राज्यपाल राम नाईक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी विधानभवन में पहुंचे। राष्ट्रगान के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरु की गई।

भाजपा ने नए विधायकों को प्रशिक्षित किया

विपक्ष के विरोध को झेलने के लिए भाजपा ने पूरी तैयारी की है। नए विधायकों को सदन में व्यवहार के लिए प्रशिक्षित किया गया है। सरकार भी करीब 2 महीने के शासनकाल के दौरान अपने कामों का खाका पेश करेगी। सदन में विपक्ष का संख्या बल महज 74 विधायकों का है, लेकिन हाल ही में बुलंदशहर, सहारनपुर, संभल और गोंडा में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा को मुद्दा बनाकर सरकार के पक्ष को कमजोर करने की कोशिश होगी।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की हुकूमत कायम होने के बाद सोमवार 15 मई से पहले विधानसभा सत्र की शुरुआत हुई। 17वीं विधानसभा के गठन के बाद विधानमंडल का आज पहला सत्र है। विधानसभा अध्यक्ष की अगुआई में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में 15 से 22 मई तक के कार्यक्रम को मंजूरी दी गई। इस बीच सदन की छह बैठकें होंगी। सत्र के दौरान विधानसभा की कार्यवाही का लोकसभा की तरह दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण होगा।

विपक्ष कर सकती है इन मुद्दों पर हमला

विपक्ष ने विधानसभा के पहले सत्र में योगी सरकार पर जोरदार हमला करने की तैयारी कर ली है। ऐसे में सदन में कितनी मर्यादा का ख्याल रखा जाएगा और नेता चर्चा कितनी करेंगे यह देखना दिलचस्प होगा। विपक्ष की ओर से योगी सरकार पर पहला हमला कानून व्यवस्था को लेकर किया जाएगा। इसके अलावा ब्याज सहित गन्ना मूल्य भुगतान, समाजवादी पेंशन बंद करने और प्रदेश में विकास कार्य ठप रहने के मुद्दों पर भी सरकार को विपक्ष घेरने की कोशिश करेगा।

सपा सर्वदलीय बैठक से गैरहाजिर

सदन संचालन के लिए कल बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी दलों के नेताओं से सहयोग की अपेक्षा की और सदन अधिकतम अवधि तक चलाए जाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि सभी सदस्य शांतिपूर्वक राज्यपाल का अभिभाषण सुनें ताकि पता चले कि सरकार लोक कल्याण के कौन से काम कर रही है।

विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित का कहना था कि तार्किक व गुणात्मक बहस से ही जनता को लाभ पहुंचाया जा सकता है। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पक्ष व विपक्ष के सहयोग से ही सदन को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है। बैठक में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी की गैरहाजिरी चर्चा का मुद्दा थी। चौधरी का कहना है अपरिहार्य कारणों से वह बैठक में नहीं पहुंच सके। इसे किसी तरह के विरोध से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। बैठक में बसपा के लालजी वर्मा, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर, व कांग्रेस के अजय कुमार व अपना दल के नील रतन सिंह पटेल ‘नीलू’ ने अपने दलों की ओर से सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।

जीएसटी पर हो सकती है बहस

वैसे तो योगी सरकार का विधानसभा में बहुमत है लेकिन विधानपरिषद में समाजवादी पार्टी बहुमत में है। विपक्ष जोरदार हमले में कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहता। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना के अनुसार इसी सत्र में जीएसटी विधोयक भी पारित कराया जाना है। सरकार की कोशिश है इसे जल्द से जल्द पारित करा लिया जाए।

सत्र के दौरान सुरक्षा के निर्देश

विधानसभा अध्यक्ष ने विधानभवन की सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई। उन्होंने विधानभवन परिसर के भीतर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने के निर्देश दिए।

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