लखनऊ.यहां मोहनलालगंज क्षेत्र में गुरुवार रात एंबुलेंस न मिलने की वजह से एक महिला की रास्ते में ही डिलीवरी हो गई। पति का आरोप है कि जब उसकी पत्नी को लेबर पेन हुआ तो उसने एंबुलेंस को कई बार कॉल किया लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। इसके बाद वो साइकिल से ही अपनी पत्नी को अस्पताल ले जाने लगा। इसी बीच महिला का सड़क किनारे ही प्रसव हो गया।
एक घंटे तक नहीं आई एंबुलेंस
– लखनऊ के मोहनलालगंज के शीतलखेड़ा गांव निवासी राहुल की पत्नी लक्ष्मी प्रेग्नेंट थीं। गुरुवार रात करीब 8 बजे लक्ष्मी को लेबर पेन हुआ।
– इसके बाद लक्ष्मी के पति राहुल ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। राहुल के मुताबिक, कई बार फोन करने के बाद भी करीब एक घंटे तक एंबुलेंस नहीं आई।
– इसके बाद राहुल ने लक्ष्मी की बिगड़ती हालत को देखते हुए उसे साइकिल पर बिठाकर अस्पताल के लिए निकल पड़ा। हालांकि अस्पताल पहुंचने से पहले ही शीतलखेड़ा मोड़ के पास सड़क किनारे लक्ष्मी ने एक बच्ची को जन्म दिया। बता दें, लक्ष्मी और उसकी बच्ची दोनों स्वस्थ हैं।
पेशेंट के अटेंडेंट ने बीच में काट दी कॉल: एम्बुलेंस सेवा प्रोवाइडर
– एम्बुलेंस सेवा प्रोवाइडर कम्पनी जीवीके ईएमआरआई के स्टेट हेड जितेन्द्र वालिया के मुताबिक़, ये मामला मेरे संज्ञान में है। पेशेंट के घरवालों ने सबसे पहले 102 एम्बुलेंस के नम्बर पर फोन किया था। उस टाइम 102 एम्बुलेंस खाली नहीं थी। इसलिए कॉल को 108 एम्बुलेंस के नंबर पर ट्रांसफर कर दिया गया।
– बातचीत के दौरान ही पेशेंट के अटेंडेंट ने फ़ोन बीच में ही काट दिया था। इसके कुछ देर बाद दोबारा से उस नंबर पर फोन किया गया तो अटेंडेट ने एम्बुलेंस सेवा की महिला कर्मचारी को अपशब्द कहते हुए फोन रख दिया।
सहारनपुर में भी नहीं पहुंची थी एंबुलेंस
– इससे पहले यूपी के सहारनपुर में प्रसव पीड़ा से कराहती महिला के लिए एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी थी। इसके बाद परिजनों ने किराए का वाहन लिया और फिर उसे जिला अस्पताल में दाखिल कराया था।
– गनीमत रही कि महिला समय से अस्पताल पहुंच गई। आपरेशन के बाद उसने बच्चे को जन्म दिया।
– महिला के पति का आरोप था कि एंबुलेंस में डीजल न होने की बता कही गई थी।
कौशांबी में भी ऐसा मामला आया था सामने
– ऐसा ही एक मामला कौशांबी में सामने आया था। सोमवार को यहां एक शख्स काे अपनी सात महीने की भांजी की डेड बॉडी को मजबूरन कंधे पर लादकर 10 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करना पड़ा।
– पीड़ित परिवार का आरोप है कि जब सरकारी हॉस्पिटल से एम्बुलेंस मांगी गई तो उन्होंने 800 रुपए मांगे। मामले के तूल पकड़ने पर डीएम मनीष कुमार वर्मा ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
– इस तरह राज्य सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर होने का दावा कर रही हो, लेकिन ये मामले दावों की पोल खोल रहे हैं।