Friday, May 17, 2024
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शहबाज शरीफ: अगर पाकिस्तान को भारत से बेहतर न बनाया तो नाम बदल देना..

SI News Today

Shahbaz Sharif: If Pakistan does not make India better, then change name.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कहा है कि अगर सत्ता में आने के बाद वह पाकिस्तान को प्रतिद्वंद्वी देश भारत से आगे नहीं ले गए तो उनका नाम बदल देना. पीएमएल-एन प्रमुख ने शनिवार को सरगोधा में एक रैली में लोगों से कहा, “अगर मैं छह महीनों में बिजली की कटौती के संकट को खत्म नहीं करता हूं तो आप मेरा नाम बदल सकते हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि वे (भारतीय) वाघा सीमा पर आएंगे और पाकिस्तान को अपना गुरु कहकर बुलाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पाकिस्तान को मलेशिया और तुर्की के स्तर पर लाएंगे. उन्होंने कहा कि वह मलेशिया के नेता महाथिर मोहम्मद और तुर्की के राष्‍ट्रपति तैय्यप एर्दोगान से अपने देश को बेहतर बनाने के गुर सीखेंगे और पाकिस्तान को फिर से महान राष्ट्र बनाएंगे.

इमरान ने किए झूठे वादे
शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान इमरान खान जैसे नेताओं को वोट देकर एक महान राष्ट्र नहीं बन सकता है जिन्होंने ‘हमारे देश’ से झूठे वादे किए हैं. पेशावर मेट्रो में एक भ्रष्टाचार का मामला सामने आने पर उन्होंने कहा, “इमरान खान ने पंजाब सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है लेकिन मेरे खिलाफ एक भी पैसे का आरोप साबित नहीं हुआ है. पीएमएल-एन अध्यक्ष ने अपने भाई व पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का बचाव करते हुए कहा कि वह अपनी बीमार पत्नी को लंदन में छोड़कर पाकिस्तान लौट आए. उन्होंने कहा कि उनके बड़े भाई नवाज शरीफ व उनकी बेटी मरियम नवाज को गिरफ्तार किया गया और उन्हें यहां तक कि उनकी मां से मिलने नहीं दिया गया.

नवाज शरीफ को सजा
जब कुछ दिन पहले भ्रष्‍टाचार के मामले में भ्रष्‍टाचार रोधी अदालत नेशनल एकाउंटबिलिटी ब्‍यूरो ने नवाज शरीफ को 10 साल और बेटी मरियम नवाज को सात साल की सजा सुनाई तो उस वक्‍त वह लंदन में अपनी बीमार पत्‍नी के पास थे. कैंसर से जूझ रहीं उनकी पत्‍नी वेंटिलेटर पर हैं. जब उन्‍होंने कहा कि वह सजा का सामना करने के लिए पाकिस्‍तान वापस लौटेंगे तो स्‍वदेश में उनको किसी ने गंभीरता से नहीं लिया. ऐसा इसलिए क्‍योंकि पाकिस्‍तान में अक्‍सर हुक्‍मरान इस तरह के कोर्ट मामलों के बाद विदेश भाग जाते रहे हैं. कोर्ट के आदेशों के बावजूद दुबई से पाकिस्‍तान आने की उन्‍होंने जहमत नहीं उठाई. लेकिन इसके उलट शरीफ ने वतन लौटकर सबको और खासकर पाकिस्‍तानी सेना को चौंका दिया क्‍योंकि सेना तो यही चाहती थी कि कम से कम चुनावों तक नवाज शरीफ नहीं लौटें. लेकिन नवाज शरीफ ने लौटकर भ्रष्‍टाचार के मुद्दों पर पाकिस्‍तान में अपनी विलेन जैसी बन रही छवि बदलकर पीडि़त और शहादत के मोड में खुद को पेश कर दिया है. अपने राजनीतिक अस्तित्‍व की लड़ाई लड़ रहे शरीफ अब वह यह कहने की स्थिति में हैं कि सेना ने उनके खिलाफ षड़यंत्र कर भ्रष्‍टाचार के झूठे मामले चलवाए हैं. अब वह यह भी कहेंगे कि वह चाहते तो भाग सकते थे लेकिन अपने लोगों के बीच लौटे. अब जनता इस पर कितना यकीन करेगी यह तो आने वाले चुनाव के नतीजों से ही पता चलेगा.

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