कई लोग घरों में कुत्ते रखते हैं तो वहीं कई लोगों के घरों के बाहर कुत्ते रहते हैं। जब हमें कुत्तों के रोने की आवाज सुनाई देती है तो उसे अशुभ माना जाता है। घर के बड़े-बुजुर्गों को कहना होता है कि ये अपशकुन का संकेत है। प्राचीनकाल की मान्यताओं में कुत्ते का रोने को अशुभ होता है। ज्योतिषियों का कहना है कि अगर कोई कुत्ता घर के सामने की ओर मुंह करके रोता है तो उस घर के किसी सदस्य पर विपत्ति आने वाली है या किसी सदस्य की मौत हो सकती है।
शास्त्रों में कुत्ते के भौंकने के बारे में कहा गया है कि कुत्तों का भौंकना या रोना अपशकुन होता है। कुत्तों के भौंकने को इन्द्र से संबंधित भय माना गया है। कहा जाता है कि अगर आप किसी शुभ कार्य के लिए कहीं जा रहे हो और कुत्ता आपका मार्ग रोकता है तो विषमता और अनिश्चय प्रकट होते हैं। अगर घर का पालतू कुत्ते की आंखों से आंसू बह रहे हैं तो उस घर पर संकट आने का संकेत है।
अगर आप घर से किसी काम के लिए निकले हैं और आपको कोई कुत्ता कीचड़ में सना हुआ दिख जाए और अपने कान फड़फड़ाए तो इसे बहुत ही अशुभ माना जाता है। अगर हो सके तो व्यक्ति को अपनी यात्रा तुरंत रोक देनी चाहिए।
वहीं कुत्तों को घर में पालने के फायदे भी होते हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति रोज कुत्ते को भोजन खिलाता है तो उससे दुश्मनों का भय मिट जाता है। इसके साथ ही व्यक्ति निडर बनता है। घर में कुत्ता पालन के बारे में कहा जाता है कि कुत्ते को पालने से घर में लक्ष्मी आती है और अगर घर का कोई सदस्य बिमार है तो कुत्ता उसकी बिमारी अपने ऊपर ले लेता है।
ज्योतिषियों का कहना है कि अगर किसी को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही तो उसे काला कुत्ता पालन चाहिए, काला कुत्ता पालने से संतान की प्राप्ति होती है। कुत्ते को कुते ग्रह का प्रतीक माना जाता है। अगर कोई कुत्ता पालता है तो उससे राहु ग्रह का प्रभाव खत्न होता है। कुत्ते की सेवा करने से भी केतु दोष खत्म होता है। पितृ पक्ष में कुत्तों को मीठी रोटी खिलाने की सलाह दी जाती है।