Saturday, July 27, 2024
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इन पांच कारणों ने IPL-10 के खिताबी मुकाबले में डुबो दी राइजिंग पुणे सुपरजाएंट की लुटिया

SI News Today

आईपीएल 2017 का फाइनल मुकाबला उम्मीद के मुताबिक क्रिकेट फैंस के लिए रोमांचक और नाटकियता से भरा रहा। फाइनल मैच में जिस टीम ने दबाव को अच्छे से संभाला वो अंत में विजेता बनकर उभरी। राइजिंग पुणे सुपरजाएंट की टीम मैच के 38वें ओवर तक बढ़त बनाए रखने के बावजूद अंत में मुकाबला 1 रन से हार गयी और मुंबई इंडियंस ने तीसरी बार आईपीएल का खिताब अपने नाम कर लिया। इस मुकाबले को आईपीएल के दस वर्षों के इतिहास का सबसे रोमांचक मुकाबला भी माना जा रहा है। मैच में आखिरी ओवर तक दोनों टीमों के पास खिताब जीतने का मौका था और जब तक आखिरी गेंद डाली नहीं गई मुकाबला किसके पक्ष में जाएगा यह बताना मुश्किल था। मुंबई ने फाइनल मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट के नुकसान पर 129 रन का स्कोर बनाया। जवाब में पुणे की टीम 17वें ओवर तक मैच में बढ़त बनाए हुए थी, लेकिन आखिरी के तीन ओवर में मुंबई के गेंदबाजों ने मैच का रुख पलटते हुए अपनी टीम को जीत दिला दी। हम आपको मैच में आए पांच दिलचस्प उतार-चढ़ाव के बारे में बता रहे हैं…

1. आरपीएस के गेंदबाज जयदेव उनादकट ने फाइनल मैच में भी अपना प्रभावी प्रदर्शन जारी रखा, बाएं हाथ के इस 24 वर्षीय गेंदबाज ने मुंबई इंडियंस की पारी के दौरान बेहतरीन स्पेल डालते हुए पुणे को मैच में आगे रखा। उन्होंने मुंबई की पारी के तीसरे ओवर में दो विकेट चटकाकर इस टीम को दबाव में ला दिया। उदानकट ने इस आईपीएल सीजन में कुल 24 विकेट लिए और भुवनेश्वर कुमार के बाद दूसरे स्थान पर रहे। हालांकि, पुणे के बल्लेबाजों ने जयदेव उनादकट के बेहतरीन प्रदर्शन पर पानी फेर दिया और टीम एक रन के अंतर से मैच हार गई।

2. कुनल पाड्या ने मुंबई इंडियंस के लिए सही समय पर बेहद ही महत्वपूर्ण पारी खेली। कुनल पांड्या आईपीएल में लगातार दूसरे साल गेंद और बल्ले दोनों से मुंबई इंडियंस के लिए उपयोगी साबित हुए। उन्होंने अपने भाई हार्दिक पांड्या से बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने 38 गेंदों में तीन चौकों और दो छक्कों की मदद से 47 रन की पारी खेली, जिसके दम पर मुंबई इंडियंस 129 के स्कोर तक पहुंच सका। उनकी यह पारी अंत में निर्णायक साबित हुई। कुनल ने गेंदबाजी में भी बहुत ज्यादा रन ना देते हुए अपने चार ओवर के कोटे में 31 रन दिए, उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। हालांकि, जब पुणे को रन की जरूरत थी उन्होंने एमएस धोनी और स्टीव स्मिथ रन नहीं बनाने दिया।

3. राइजिंग पुणे सुपरजाएंट की टीम ने मुंबई इंडियंस की तरह भले ही पारी की शुरुआत में जल्दी जल्दी विकेट नहीं गवाएं, लेकिन यह टीम 130 रन के छोटे टारगेट का पीछा करते हुए भी बहुत लय में नज़र नहीं आई। टूर्नामेंट के लीग चरण में बेहतरीन बल्लेबाजी करने वाले पुणे के ओपनर बल्लेबाज राहुल त्रिपाठी अहम मुकाबले में लगातार दूसरी बार नहीं चल सके। इससे पहले मुंबई के खिलाफ पहले क्वालीफायर मुकाबले में भी राहुल त्रिपाठी असफल रहे थे। हालांकि, दूसरे विकेट के लिए रहाणे और कप्तान स्मिथ के बीच अच्छी साझेदारी हुई, लेकिन अजिंक्य रहाणे के आउट होने के साथ ही पुणे का रन रेट धीमा होता गया। जब तक रहाणे क्रीज पर थे पुणे को करीब साढ़े छह रन पर ओवर की औसत चाहिए थी, उनके आउट होने के बाद पुणे को 10 रन प्रति ओवर की गति से रन बनाने थे।

4. फाइनल मुकाबले में रोहित शर्मा की कप्तानी भी बेहतरीन रही। उन्होंने बहुत ही अच्छा फील्ड प्लेसमेंट और गेंदबाजी में परिवर्तन किया। मुंबई इंडियंस के कप्तान ने ऐसा क्षेत्ररक्षण सजाया की पुणे के बल्लेबाजों को रन आसानी से नहीं मिले। पुणे को अधिकतर समय एक और दो रन से काम चलाना पड़ा। रोहित शर्मा ने स्टीव स्मिथ के लिए आॅफ साइड में सिर्फ एक क्षेत्ररक्षक तैनात किया था। उन्होंने अपने गेंदबाजों का बहुत ही प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया। रोहित शर्मा ने जसप्रीत बुमराह, लसिथ मलिंगा और मिशेल जॉनसन को लगातार रोटेट किया, जिससे पुणे के बल्लेबाज कभी सेट नहीं हो पाए।

5. पूरे आईपीएल सीजन में यदि किसी कप्तान ने एक गेंदबाज के उपर डेथ ओवर्स में सबसे ज्यादा विश्वास दिखाया, तो वो थे मुंबई इंडियंस के गेंदबाज जसप्रीत बुमराह। जसप्रीत बुमराह पिछले दो आईपीएल सीजन में अपने बेहतरीन यॉर्कस और स्लोवर डिलिवरी के कारण किफायती तथा प्रभावी गेंदबाज बनकर उभरे हैं। आखिरी ओवर्स में जसप्रीत बुमराह ने कसी हुई गेंदबाजी करते हुए पुणे के बल्लेबाजों को बांध कर रखा। उन्होंने स्टीव स्मिथ और एमएस धोनी जैसे बल्लेबाजों को रन के लिए तरसा दिया। आखिरकार महेंद्र सिंह धोनी बुमराह के ही शिकार बने।

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