हफ्ते में सिर्फ दो बार योग करने से आपका स्ट्रेस कारगर तरीके से कम हो सकता है. यह बात एक हालिया रिसर्च में सामने आई है.
दवाओं का बेहतर विकल्प है योग
शोधकर्ताओं के अनुसार, अध्ययन से इस तथ्य को बल मिलता है कि योग, अवसाद का दवाओं से इलाज का विकल्प हो सकता है या दवाओं से इलाज के साथ साथ योग की पद्धतियां अपनाकर उपचार को और कारगर बनाया जा सकता है.
अमेरिका के बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर क्रिस स्ट्रीटर ने कहा, ‘‘अध्ययन से उन लोगों में अवसाद के विकार को दूर करने में योग या प्राणायाम के इस्तेमाल की जरूरत रेखांकित होती है जो अवसाद दूर करने वाली दवाएं नहीं लेते और वे लोग भी जो स्थायी रूप से इस तरह की दवाओं की खुराक लेते हैं और जिनमें अवसाद के लक्षण अब भी बने हुए हैं.’’
‘जर्नल ऑफ ऑल्टरनेटिव एंड कॉम्प्लिमेंटरी मेडिसिन’ में प्रकाशित हुए अध्ययन में आयंगर योग (योग का एक रूप) का इस्तेमाल किया गया जिसमें आसन एवं श्वसन नियंत्रण में बारीकियों पर ध्यान दिया जाता है.
दो समूहों में बांटकर किया गया शोध
अध्ययन में दो समूहों को शामिल किया गया. उनमें से एक समूह को हर हफ्ते 90 मिनट की योग की तीन कक्षाएं कराई गयीं और उन्होंने घर पर भी योग का अभ्यास किया. इसमें वे लोग थे जो दवा की बड़ी खुराक ले रहे थे. वहीं, दूसरे समूह में दवा की छोटी खुराक लेने वाले लोग शामिल थे जिन्हें हर हफ्ते 90 मिनट की योग की दो कक्षाएं दी गयी और उन्होंने घर पर भी योग का अ5यास किया.
बाद में दोनों समूहों में अवसाद के लक्षणों में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गयी.