बॉलीवुड एक्ट्रेस शबाना आजमी के करियर की शुरुआत 1973 में श्याम बेनेगल की फिल्म अंकुर से हुई थी। इस फिल्म की सफलता के बाद शबाना के टैलेंट को इंडस्ट्री ने पहचाना और उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। अकुंर के बाद 1983 से 1985 तक लगातार तीन सालों तक उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। शबाना ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं हैं, जिनमें अंकुर, अमर अकबर एन्थोनी , निशांत, शतरंज के खिलाडी, खेल खिलाडी का,हिरा और पत्थर , परवरिश, किसा कुर्सी का, कर्म, आधा दिन आधी रात, स्वामी ,देवता ,जालिम ,अतिथि ,स्वर्ग-नरक, थोड़ी बेवफाई जैसी फिल्में प्रमुख है। लेकिन क्या आप जानते हैं शबाना आजमी बचपन में दो बार सुसाइड करने की कोशिश कर चुकी हैं। दरअसल, मां शौकत आजमी की ऑटोबायोग्राफी ‘कैफ एंड आई मेमॉयर’ में इस बात का खुलासा किया गया कि शबाना बचपन में दो बार सुसाइड करने की कोशिश कर चुकी थीं।
शबाना आजमी की मां शौकत भी एक एक्ट्रेस रह चुकी हैं। उन्होंने ‘उमराव जान’ और ‘सलाम बॉम्बे’ जैसी फिल्मों में काम किया है। शौकात ने ऑटोबायोग्राफी में बताया है कि शबाना को हमेशा लगता था कि मैं उससे ज्यादा उसके भाई को प्यार करती हूं। शौकत बताती हैं कि एक बार शबाना का छोटा भाई बाबा स्कूल के लिए लेट हो रहा था तो मैंने शबाना का टोस्ट उसे दे दिया था। इसके बाद शबाना बाथरूम में रोने चली गई और स्कूल जाने के बाद सहेलियों को बताया कि उसकी मां उसे प्यार नहीं करती हैं। उसने गुस्से में स्कूल में नीला थोथा (कॉपर सल्फेट) खा लिया था।
शौकत बताती हैं कि एक बार उन्होंने शबाना को डांटते हुए घर से बाहर निकल जाने को कहा जिसके बाद शबाना ट्रेन के आगे आने की कोशिश की। उस समय चौकीदार ने सही समय पर आकर शबाना की जान बचा ली थी।