चौथे वनडे में करियर की सबसे धीमी हाफ सेंचुरी लगाने के बाद पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की जमकर आलोचना हुई। उन्होंने इस मैच में 114 गेंदों में कुल 54 रन बनाए थे। यह पिछले 16 वर्षों में वनडे क्रिकेट में किसी भी भारतीय द्वारा बनाई गई सबसे धीमी हाफ सेंचुरी थी। भारत को इस मैच में 11 रनों से शिकस्त मिली थी। इसके अलावा कई अहम मौकों पर मैच को फिनिश करने की उनकी काबिलियत पर भी सवालियानिशान लगाया गया था। कई लोगों ने उन्हें संन्यास लेने की भी सलाह दे दी थी। लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज के बचपन के कोच चंचल भट्टाचार्य कहते हैं कि धोनी को मालूम है कि उन्हें कब खेल को अलविदा कहना है। आईएएएन से बातचीत में चंचल ने कहा कि धोनी में अब भी इतनी काबिलियत है कि वह 2019 का विश्व कप खेल सकते हैं। 54 रनों की पारी के बारे में भट्टाचार्ज ने कहा, हर दिन रविवार नहीं होता। उन्होंने कहा कि वह उनका दिन नहीं था। उनकी पारी इतनी बेहतर नहीं थी। कुछ गेंदों पर वह छक्के नहीं मार पाए और भारत जीत नहीं पाया। अगर भारत वह मैच जीत जाता तो लोग फिर उन्हें सबसे शानदार फिनिशर बता देते।
देखिए धोनी का बर्थडे सेलिब्रेशन:
भट्टाचार्य ने कहा कि वह अब भी सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक हैं। वह उन लोगों में से है जो जानते हैं कि कब खेल को अलविदा कहना है। किसी को उन्हें उन्हें बताने की जरूरत नहीं है कि कब रिटायर होना है। उन्होंने कहा कि जैसे उन्होंने साल 2014 में टेस्ट क्रिकेट को यह कहकर अलविदा कह दिया था कि उसमें अब मजा नहीं आ रहा। कल ही धोनी का 36वां जन्मदिन था। गौरतलब है कि धोनी ने तीसरे वनडे मैच में ताबड़तोड़ 78 रनों की पारी खेली थी।
बता दें कि चौथे वनडे में गिरते विकेट और बढ़ते रन रेट के कारण धोनी के फिनिशर अवतार की जरूरत थी। छोटे स्कोर और पिच पर धोनी के होते हुए टीम इंडिया ने शायद ही उम्मीद की हो कि वह मैच हार जाएगी। मैच के दौरान एक क्षण एेसा भी था, जब 7 गेंदों में जीतने के लिए 14 रनों की जरूरत थी और धोनी 48वें ओवर की आखिरी गेंद खेल रहे थे। दूसरे छोर पर पहली बार वनडे क्रिकेट में बैटिंग कर रहे कुलदीप यादव भी थे। लेकिन सिंगल लेकर अगले ओवर में स्ट्राइक अपने पास रखने की बजाय धोनी बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में अलजारी जोसफ को कैच दे बैठे। इसके बाद वेस्टइंडीज खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। इसके बाद मोहम्मद शमी 10वें बल्लेबाज के तौर पर आउट हुए और भारतीय पारी 178 रनों पर ही सिमट गई।