क्रिकेट मैदान पर कई बार खिलाड़ी ऐसी गलती कर देते हैं, जिसका पछतावा उन्हें बाद में होता है। मगर तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। क्रिकेट के नियमों के मुताबिक अगर कोई बल्लेबाज मैच के दौरान जानबूझकर गेंद को हाथ से रोकने की कोशिश करे तो वह आउट करार दिया जाता है। एेसा ही साउथ अफ्रीका के एक बल्लेबाज के साथ भी हुआ था, जिसने गेंद को अचानक पकड़ लिया, इसके बाद उसे आउट दे दिया गया। उस बल्लेबाज का नाम था डैरेल कल्लिनन। वह वनडे में अॉब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड के तहत आउट दिए जाने वाले दूसरे वनडे खिलाड़ी थे। यह घटना 27 जनवरी 1999 को साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए वनडे मैच में हुई थी।
यह था मामला: 46 रन पर बल्लेबाजी कर रहे कल्लिनन ने कैरेबियाई गेंदबाज केथ आर्थरटन की गेंद को मारने की कोशिश की, लेकिन गेंद बल्ले के निचले किनारे पर लगी और क्रीज पर लगकर हवा में उछल गई, जिसे कल्लिनन ने पकड़ लिया। इसके बाद गेंद आर्थरटन की ओर फेंक दी। हालांकि यह बिल्कुल नहीं लग रहा था कि बॉल विकेट में लगने वाली है। इसके बाद विंडीज के कप्तान ब्रायन लारा ने अंपायर डेविड अॉर्चर्ड से अपील की और उन्होंने बल्लेबाज को आउट दे दिया।
आपको जानकर हैरानी होगी कि अॉब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड के तहत आउट होने वाला पहला खिलाड़ी भारतीय था। मोहिन्दर अमरनाथ पहले खिलाड़ी थे, जिन्हें इस नियम के तहत पवेलियन लौटने को कहा गया था। ये वाकया भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए वनडे मुकाबले का है। मोहिंदर अमरनाथ स्ट्राइकिंग एंड पर थे। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मैथ्यूज ने अमरनाथ को गेंद डाली। बॉल बल्ले से टकराकर विकेट की ओर जाने लगी तभी अचानक अमरनाथ ने गेंद को हाथ से रोक दिया। ऐसा करते ही उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया।
इतनी देर में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने भी अंपायर से आउट की अपील की, लेकिन अमरनाथ भारी कदमों से पवेलियन की ओर चल पड़े थे। हालांकि इस दौरान उन्हें खुद की हरकत पर बेहद पछतावा भी हो रहा था। आपको बता दें कि ‘ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड’ के तहत मोहिंदर अमरनाथ के अलावा लेन हट्टन (इंग्लैंड), रमीज राजा (पाकिस्तान), इंजमाम-उल-हक (पाकिस्तान), मोहम्मद हफीज (पाकिस्तान), अनवर अली (पाकिस्तान) को आउट दिया जा चुका है।