विकास की पहली सींढी शिक्षा मानी जाती है। राज्य कोई भी हो, सरकार कोई भी हो शिक्षा में सुधार उसका पहला उद्देश्य होता है। और सरकार की खराब नीति शिक्षा पर सीधा असर भी डालती है।एक खराब शिक्षा नीति से उत्पन्न बेरोजगारी की समस्या किसी भी देश की नींव को हिला सकती है। 2004 में स्वकेंद्र परीक्षा सरकार का ऐसा कदम जिसने उत्तर प्रदेश को नयी समस्या से अवगत कराया। माननीय मुलायम सिंह यादव का ये फैसला किस हद तक सही और गलत है ये आज की बढती बेरोजगारी और बढ़ते अपराध को देख कर लगाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार की स्वकेंद्र परीक्षा प्रणाली हमेशा एक विवादित नीति रही है।बोर्ड परीक्षाओं में बढ़ते नक़ल को रोकने के लिए जिला स्तरीय तमाम तरीके की समितियां गढ़ित की जाती रहीं हैं,लेकिन इससे फायदा नाम मात्र ही पहुंचा है। स्वकेंद्र परीक्षा आने जाने और ठहरने, तमाम तरीके की समस्या से निजात पाने के लिए लिया गया फैसला था। जिसका बहुत दुरूपयोग किया गया। पिछली सरकार द्वारा किये गए रोजगार के वादे और इरादे धरातल पर कितना आये,ये इस साल की बेरोजगारी दर देख कर लगाया जा सकता है।यह समस्या केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु भारत के कई राज्यों में है। एक युवा को अपनी सरकार से क्या आशा है, लैपटॉप,मोबाइल फोन,बेरोजगारी भत्ता या रोजगार। अभी हाल में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में धांधली और कई तरह की गड़बड़ियां पायी गयी हैं,जिसमे जातवादिता का आरोप भी है। लोक सेवा आयोग,पुलिस भर्ती और शिक्षक भर्तियाँ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के हस्ताक्षेप के बिना सम्पन्न करा पाने में सरकार नाकाम रही है।खामियां केवल उत्तर प्रदेश बोर्ड में ही नहीं हैं हमारे कुछ नामचीन विश्वविद्यालय और डिग्रीकॉलेज भी नक़ल का अड्डा बने हुए हैं। अपितु जिस शहर का निवासी मैं खुद हूँ गोंडा जिला, उस जिले ने तो नक़ल में अलग ही पहचान बनाई है।जिसका वर्णन स्वयं भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने गोंडा में आकर मंच से किया।उत्तर प्रदेश में शिक्षा में भ्रष्टाचार किस हद तक लिप्त है इसका अंदाजा दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर को देख कर लगाया जा सकता है।इसी तरह आगरा,कानपुर और भी कई अन्य विश्वविध्यालय भ्रष्टाचार की बदनामियों से मशहूर हैं।योगी सरकार ने भी नक़ल रोकने को पहली प्राथमिकता में रखा,और बोर्ड परीक्षाओं को भी सख्ती से पूर्ण कराने का प्रयास भी किया। लेकिन योगी सरकार की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारों की फ़ौज है,जो कभी मेरिट की मार और कभी प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई धांधली का शिकार हैं।बेरोजगारी दूर करने के लिए सरकार को जड़ से ही सुधार की आवश्यकता है। शिक्षा का सुधार,योग्य शिक्षकों के चयन से भी जुड़ा है।शिक्षकों का चयन भी भ्रष्टाचार की कालिख से अछूता नहीं रहा।अयोग्य अध्यापक एक दीमक की तरह पूरे तंत्र को खोखला कर सकता है,इस समस्या से भी निजात पाना किसी चुनौती से कम नहीं है।और किसी देश को मजबूत और विकसित बनाने में शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान होता है। मैकाले ने भारत को गुलाम बनाने के लिए हमारे शिक्षा तंत्र पर भी हमला किया था। अपितु हमारी शिक्षा हमारी संस्कृति को दर्शाती है और हमारे विकास का मार्ग हमारी संस्कृति से होकर जाता है।। मेरी सरकार से एक मात्र प्रार्थना यह है की शिक्षा को व्यापार बनने से रोका जाये और जो माफिया इस व्यापार में हावी है उनपर भी नकेल कस कर छात्रों के बर्बाद होते भविष्य को बचाया जाए।।
SI News Today > Blog > राज्य > उत्तर प्रदेश > गोण्डा > शिक्षा का विकास
![SI News Today](https://www.sinewstoday.com/wp-content/uploads/2022/11/Advertise-Here-720x90-BANNER-1024x132-1.png)
the authorPushpendra Pratap singh
All posts byPushpendra Pratap singh
Leave a reply