Tuesday, December 10, 2024
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शिवालिक की पहाड़ियों में लगी आग, जीव-जंतु झुलसे कीमती लकड़ी जली

SI News Today

मोहाली के ब्लाक माजरी के अधीन आते पहाड़ी क्षेत्र का सैकड़ों एकड़ जंगल को आग ने अपनी चपेट में ले लिया। हवा के कारण तेजी से आग बढ़ रही है। आग को काबू पाने के लिए जंगलात विभाग कोशिश कर रहा है, लेकिन आग अभी तक काबू में नहीं आ सकी। आग की चपेट में आकर जीव-जंतु भी झुलस गए हैं।
जानकारी अनुसार शिवालिक की पहाड़ियों के जंगल में बुधवार बाद दोपहर समय अचानक आग लग गई। क्षेत्र वासियों ने बताया कि दोपहर में सबसे पहले आग का धुआं गोचर की गोशाला के पास देखा गया, लेकिन तेज हवा के होने कारण यह धुआं कुछ समय में ही आग की लपटों में बदल गया। कुछ समय बाद आग की लपटें दिखाई देने लगीं। क्षेत्र वासियों ने बताया कि आग की लपटें तेजी के साथ बढ़ने लगी और शाम होने तक आग मिर्जापुर के मंदिर और जंगलात विभाग के गेस्ट हाउस के पास पहुंच गई।

इसके अतिरिक्त आग का इको-टूरिज्म स्कीम तहत बनाई गई झोपड़ियों तक पहुंचने का खतरा भी पैदा हो गया है। आग ने पंजाब के क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ जंगल को अपनी चपेट में ले लिया है। जबकि साथ लगते हिमाचल प्रदेश सहित हजारों एकड़ एरिया इसकी चपेट में आ गया है। इस आग के कारण जहां महंगी लकड़ी जलने कारण वित्तीय नुकसान हो रहा है वही वातावरण पर भी प्रभाव पड़ रहा है।
कीमती लकड़ी जली
जंगल में लगी आगPC: अमर उजाला
मिर्जापुर के पूर्व पंचायत मेंबर शंकर चौधरी ने बताया कि आग से जंगल में खड़ी खैर की लकड़ी व घास-बूटी को नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि आग लगने कारण जंगल के प्राइवेट रकबे में खड़ी लकड़ी का नुकसान हो गया। शंकर ने बताया कि वह अपनी मालकी वाले जंगलों में सूखी खैर की लकड़ी काटने के लिए काफी समय से अनुमति मांग रहे हैं, लेकिन सरकार ने नहीं दी। उन्होंने कहा कि इस कारण अब जमीन मालिकों को नुकसान हो रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी
जिला जंगलात अफसर गुरमनप्रीत सिंह ने बताया कि जंगल में आग चलने की सूचना मिली है। उन्होंने आग बुझाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि यह आग मिर्जापुर के क्षेत्र में देखने को मिली है जो कि हिमाचल प्रदेश के जंगली क्षेत्र से घूम कर आई है। उन्होंने कहा कि आग को बुझाने के लिए लगभग दो दर्जन कर्मचारियों को लगाया गया है। उन्होंने कहा कि दिन के समय हवा के कारण आग को बुझाने में मुश्किल आती हैं। इस लिए रात के समय या फिर अल सुबह आग बुझाने का सही समय होता है। उन्होंने कहा कि अल सुबह कर्मचारियों की ड्यूटी आग बुझाने के लिए लगाई जाएगी।

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