ज्योतिष विद्या के अनुसार हर ग्रह को एक विशेष रत्न प्रदर्शित करता है। अपनी राशि के अनुसार रत्न पहनने से कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव में कमी आ जाती है। यदि आपकी कुंडली पर शनि देव का प्रकोप है और किसी भी तरह से आपका कोई काम नहीं बन पा रहा है तो आपकी कुंडली की सभी दशाओं को देखने के बाद नीलम रत्न पहनना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। आज हम विशेषकर मेष राशि के लिए क्या शुभ रत्न हो सकता है उसपर बात करने वाले हैं। उन्हें किसी भी तरह का रत्न धारण करने से पहले कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। मेष का स्थान मस्तक में होता है। इसके कारक ग्रह मंगल, सूर्य और गुरु माने गए हैं। मेष राशि में अग्नि तत्व प्रधान होता है। इस राशि वालों के लिए मंगलवार और रविवार शुभ रहते हैं। मेष राशि के लोग क्रूर और गर्म स्वभाव के माने जाते हैं।
राशि रत्न पहनने के पीछे एक ज्योतिष द्वारा बताया गया रहस्य है जिसमें बताया गया है कि राशि रत्नों में सौर मण्डलीय ग्रह किरणों को धारण करने की अद्भुत शक्ति रहती है। अगर सभी गुणों को सम्मिलित किरणों के वातावरण में उत्पन्न राशि रत्न पहना जाए तो वो शुभ परिणाम देगा। मेष राशि का व्यक्ति बुद्धि-बल प्राप्त करने, संतान सुख, प्रसिद्धी, राज्य कृपा के लिए माणिक्य धारण कर सकता है। सूर्य की महादशा में माणिक्य श्रेष्ठ फलदायक होता है। रत्न धारण करने से संबंधित ग्रह को शक्ति मिलती है। वैसे इस राशि में जन्मे लोगों के लिए अनुकूल रत्न मूंगा है। मूंगा धारण करने से रक्त साफ होता है। साहस और बल में वृद्धि होती है। शीघ्र विवाह करने में सहायक होता है और साथ ही प्रेत बाधा से मुक्ति दिलाता है।
मंगल ग्रह का ये रत्न मंगल ग्रह का यह रत्न अधिकांश लाल, सिंदूरी, हिंगुली रंग, या गेरुआं वर्ण का होता हैं | असल मूंगा गोल, चिकना, कांतीयुक्त तथा भारी होता हैं | असली मूंगा की पहचान के लिये उसे दूध में डाला जाये तो दूध में लालिमा दिखाई देने लगती है| उच्चकोटी का मूंगा मंगलवार को मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा आदि नक्षत्रों में स्वर्ण या तांबे की अंगुठी बनवाकर , मंगल के मंत्रों से अभिमंत्रित करके अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिये | श्रेष्ठ मूंगा धारण करने से भूत प्रेत बाधा से मुक्ती मिलती है| भूमिसुख, भातृसुख मिलता है| अल्परक्तचाप वालों को परम उपयोगी हैं | ये स्त्रियों को सौभाग्य देने वाला रत्न है| मूंगा के साथ नीलम , गोमेद, लहसुनियां नहीं पहनना चाहिए।