Saturday, July 27, 2024
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अटल बिहारी वाजपेयी से मिले राष्‍ट्रपति पद के एनडीए उम्‍मीदवार रामनाथ कोविंद

SI News Today

राष्ट्रपति पद के राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंदन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से गुरुवार (22 जून) को मुलाकात की और उनका आर्शीवाद लिया। कोविंद ने वाजपेयी से उनके कृष्ण मेनन मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की। कोविंद के साथ उनकी पत्नी भी थीं। वाजपेयी इन दिनों बीमार हैं। राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन के बाद से कोविंद कई शीर्ष भाजपा नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। कल, कोविंद भाजपा के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से मिलने गए थे।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने 19 जून को कोविंद (71) को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था। वह पार्टी के महासचिव भी रह चुके हैं। कोविंद ने शुक्रवार को नामांकन किया था। राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होने हैं।

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार कोविंद को जनता दल (युनाइटेड) (जदयू) का भी समर्थन मिला है। साथ ही जदयू ने अन्य पार्टियों से भी समर्थन करने की अपील की है। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, “जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा रामनाथ कोविंद के समर्थन की घोषणा का मैं स्वागत करता हूं, जिन्हें विपक्षी पार्टियों के साथ विचार-विमर्श के बाद राजग की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है।”

उन्होंने कहा कि जद (यू) का कोविंद को समर्थन गैर राजद पार्टियों के बीच उनकी स्वीकार्यता को दर्शाता है। उन्होंने बयान में कहा, “विपक्षी पार्टियों से परामर्श करने की यही मंशा थी। मैं नीतीश कुमार का उनकी पार्टी के समर्थन के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। मैं अन्य पार्टियों से भी कोविंद को समर्थन देने की अपील करता हूं।”

दूसरी ओर जदयू द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन के फैसले के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का गुस्सा सातवें आसमान पर है। राजद ने यहां तक कह दिया है कि नीतीश कुमार देशभर के मालिक नहीं हैं।

राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने यहां गुरुवार को कहा कि सबसे पहले नीतीश कुमार ने ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिलकर धर्मनिरपेक्ष दलों के संयुक्त फैसले से राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार उतारने की बात कही थी, इसके बाद वह बदल गए।

उन्होंने जद (यू) पर विपक्षी एकता में फूट डालने का आरोप लगाते हुए कहा, “जद (यू) अलग निर्णय लेकर विपक्षी एकता को कमजोर करने की कोशिश करता है, जिससे लोगों में गलत संदेश जाता है।”

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