आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के खिलाफ इंटरपोल से गिरफ्तारी वारंट जारी कराने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रयासों को मंगलवार को उस समय तगड़ा झटका लगा जब उसने इस अनुरोध को ठुकरा दिया। ललित मोदी के खिलाफ टी-20 क्रिकेट में मनी लांड्रिंग की जांच चल रही है। इधर, ईडी के सूत्रों ने मामले में आए बदलाव को ‘संशययुक्त’ बताया है। साथ ही कहा कि वह इस मामले को उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएगा। ईडी प्रत्यर्पण अनुरोध जैसे दूसरे कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रहा है।
इंटरपोल के एक अधिकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ललित मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की थी। ईडी की मांग को आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ने चुनौती दी थी। वैश्विक निकाय ने इस मामले में मोदी के पक्ष में फैसला दिया है। ईडी ने पहली बार 2015 में इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए संपर्क साधा था।ललित मोदी ने भी ट्विटर पर इंटरपोल के इस रुख की जानकारी दी है।
लिखा है, ‘मेरे खिलाफ कोई रेड कॉर्नर नोटिस नहीं है। इंटरपोल के डाटाबेस में ऐसी कोई जानकारी नहीं है।’ बताया जाता है कि मोदी इस समय ब्रिटेन में रह रहे हैं। इस बीच, ईडी के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एजेंसी इस संबंध में इंटरपोल के फाइलों के नियंत्रण आयोग (सीसीएफ) द्वारा जारी आदेश का अध्ययन करेगी और इस मुद्दे को सरकार और सीबीआई के समक्ष उठाएगी। केंद्रीय एजेंसी ही भारत में इंटरपोल के मामलों की नोडल संस्था है।
ऐसा समझा जाता है कि ईडी विदेश मंत्रालय और सीबीआई से इंटरपोल के समक्ष पुराने मामलों का जिक्र करने को कहेगा। इनमें भारत और दूसरे देशों द्वारा महज कानूनी दस्तावेज मुहैया कराने के बाद वांछित व्यक्ति के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया गया था।