Monday, December 2, 2024
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इंडियन आर्मी से लार्सन टुब्रो को मिला हॉवित्जर तोपों का ठेका

SI News Today

भारतीय थल सेना को जल्द ही देश में निर्मित स्वचालित हॉवित्जर तोपें मिलेंगी। निजी क्षेत्र की इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) को भारतीय थलसेना के लिए एक सौ हॉवित्जर तोपें बनाने का लगभग 4500 रुपए का ठेका मिला है। निविदा शर्तों के मुताबिक यह कंपनी 155 मिलीमीटर वाली 52 कैलीबर की स्वचालित एसपी (सेल्फ प्रॉपेल्ड) तोपों जिसे आम तौर पर वज्र कहते हैं, की पहली खेप इसी साल सेना को सौंपेगी। पूरी आपूर्ति 42 महीने में की जाएगी। एलएंडटी ने दक्षिण कोरियाई कंपनी हानवा टेक विन के साथ मिल कर इस सौदे के लिए 2011 में बोली लगाई थी। एलएंडटी में रक्षा व एअरोस्पेस विभाग के प्रमुख जयंत पाटील ने कहा कि रक्षा मंत्रालय द्वारा किसी निजी भारतीय कंपनी को दिया गया यह सबसे बड़ा आर्डर है। के9वीएजेआरए-टी या वज्र तोप विश्वस्तरीय स्वचालित हॉवित्जर एचटीडब्लू के के9 थंडर का उन्नत संस्करण है। एलएंडटी ने इसे भारतीय सेना की जरूरत के हिसाब से कई सुधारों के साथ उन्नत किया है।

इन तोपों का निर्माण गुजरात के हजीरा में किया जाएगा। इसमें लगने वाले 50 फीसद उपकरण स्वदेशी हैं। एलएंडटी ने चार अन्य कंपनियों को पछाड़कर यह ठेका हासिल किया है। रक्षा खरीद सौदे के बारे में जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक सभी कंपनियों को ठेके की कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ा था। निर्मित की जाने वाली तोप की डिजाइन हानवा टेक विन कंपनी की स्वचालित के9 थंडर तोप पर आधारित है।

इसे भारतीय सेना के इस्तेमाल के लायक विकसित किया गया है। भारत में यह तोप रेगिस्तान में भी काम करेगी। स्वचालित के9 हॉवित्जर तोपों को दुनिया भर में बेहतर माना जाता है। कोरियाई कंपनी अब तक ऐसे एक हजार तोप निर्मित कर चुकी है जो दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

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