प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जुलाई में प्रस्तावित इजरायल दौरे से पहले दोनों देशों के बीच दो रक्षा समझौतों पर सहमति बनती दिख रही है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एंटी टैंक मिसाइल्स और नेवल एयर डिफेंस सिस्टम के लिए होने वाली डील की सूचना गुप्त रखी जा रही है। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली इजरायल यात्रा होगी। भारत, इजरायल से मिलिट्री सामानों का सबसे बड़ा आयातक है। यूरेशिया ग्रुप में सीनियर एशिया एनालिस्ट शैलेष कुमार के मुताबिक, ”यह यात्रा मील का पत्थर साबित होगी। दोनों देशों के अधिकारियों को बाहर से एक ही खतरा है-आतंकवाद। इजरायल के साथ काम करना मोदी के अमेरिका के साथ अच्छे रिश्तों के बड़े प्लान के लिए मुफीद है, क्योंकि इजरायल और अमेरिका की दोस्ती जगजाहिर है।” बताया जा रहा है कि भारतीय सेना के लिए स्पाइक एंटी टैंक मिसाइल्स और नेवी के लिए बराक-8 एयर मिसाइल्स की डील अगले दो महीनों में पूरी हो जाएगी। करीब डेढ़ बिलियन डॉलर के इस सौदे का कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के दो साल बाद 8,000 मिसाइलें भारत आएंगी।
पिछले ही सप्ताह भारत ने मध्यम और लंबी रेंज की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का सौदा पूरा किया है, जिसकी कीमत 2 बिलियन डॉलर है। ये सभी सौदे 2025 तक सेना को आधुनिक करने के पीएम मोदी के 250 बिलियन डॉलर के प्लान का हिस्सा हैं। मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद से ही पीएम मोदी ने इजरायल के साथ भारत के रिश्तों पर तेजी से काम किया है। भारतीय सेना के लिए मध्यम रेंज की मिसाइल को आईएआई और डीआरडीओ ने इजरायज के राफेल और IAI/Elta के साथ मिलकर बनाया था। इस प्रोजेक्ट में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत डायनामिक्स लिमिटेड और लारसन एंड टर्बो जैसी कई भारतीय कंपनियां भी शामिल थीं।
दोनों सौदे पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का हिस्सा हैं। स्पाइक मिसाइलों की खरीद को भारत के रक्षा अधिग्रहण काउंसिल ने अक्टूबर 2014 में मंजूरी दी थी और बराक-8 की खरीद को इसी साल 3 अप्रैल को हुई बैठक में हरी झंडी दिखाई गई। पिछले तीन वित्तीय वर्षों से इजरायल, भारत के लिए हथियारों का तीसरा सबसे बड़ा सप्लायर था। संसद की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत और इजरायल के बीच 6,400 करोड़ रुपए के 10 सौदे हुए।